एनबीएफसी से होम लोन और उपभोक्ता ऋण लेना हुआ सस्ता, नए और पुराने ग्राहक दोनों को फायदा
नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ गैर बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं (एमएफआई) से गृह और उपभोक्ता ऋण लेना सस्ता हो गया है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नया एवरेज बेस रेट...
नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ गैर बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं (एमएफआई) से गृह और उपभोक्ता ऋण लेना सस्ता हो गया है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नया एवरेज बेस रेट जारी किया है। यह एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं (एमएफआई) के लिए बेंचमार्क ब्याज दर की तरह है। इसमें एनबीएफसी को बैंकों से मिलने वाली लोन की दर में कमी की गई है। यानी, एनबीएफसी की लोन लगात कम हुई है। इसका फायदा नए और पुराने ग्राहक (फ्लोटिंग रेट) को मिलेगा।
आरबीआई ने क्या बदलाव किया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नया एवरेज बेस रेट जारी किया है। यह एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं (एमएफआई) के लिए बेंचमार्क ब्याज दर की तरह है। यह देश के पांच बड़े बैंकों का औसत आधार दर है। इसमें 31 मार्च, 2021 को खत्म तिमाही में इन बैंकों का औसत आधार दर 0.15 फीसदी गिरा है। यह 7.96 फीसदी से घटकर 7.81 फीसदी पर आ गया है।दो साल के अंदर औसत आधार दर में 1.4 फीसदी कमी आई है। 30 जून, 2019 को यह 9.21 फीसदी पर था।
इसलिए मिलेगा कम ब्याज पर लोन
आरबीआई हर तिमाही के अंत में यह औसत आधार दर जारी करता है। यह एनबीएफसी और एमएफआई के लिए बेंचमार्क रेट का काम करता है। इसके चलते इस तिमाही में इसी दर से एनबीएफसी और एमएफआई ग्राहकों को कर्ज देंगे। जो लोग एनबीएफसी और एमएफआई से किसी तरह का लोन लेना चाहते हैं उन्हें घटे रेट का फायदा मिलेगा। जहां तक मौजूदा ग्राहकों का सवाल है तो सिर्फ उन ग्राहकों को इसका फायदा मिलेगा, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है।
ब्याज दरों को नियंत्रित करने का फैसला
आम तौर पर एनबीएफसी और एमएफआई की ब्याज दर ज्यादा रहती है। इसी वजह से आरबीआई ने इनकी ब्याज दरों को नियंत्रित करने का फैसला किया। आरबीआई के इस कदम के बाद एनबीएफसी अधिकतम 21.48 फीसदी से अधिक सालाना ब्याज नहीं वसूल पाएंगे। यह लाखों उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाने का काम करेगा जिन्होंने ऊंचे ब्याज दर पर उपभोक्ता ऋण लिया है।
लगातार घटया गया मार्जिन
31 मार्च, 2013 तक एनबीएफसी को 12 फीसदी मार्जिन रखने की इजाजत थी। एनबीएफसी फंड की लागत पर यह मार्जिन रखती थीं। अभी भी छोटी एनबीएफसी को फंड की लागत पर 12 फीसदी मार्जिन वसूलने की इजाजत है, लेकिन बड़ी एनबीएफसी के लिए 1 अप्रैल, 2014 से मार्जिन के लिए 10 फीसदी की सीमा तय कर दी गई थी।
डेढ़ दर्जन बैंकों ने भी सस्ता किया लोन
पिछले एक महीने से भी कम समय में डेढ़ दर्जन से अधिक बैंक और एनबीएफसी ने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की है। इसमें देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे बड़े बैंक शामिल हैं। पहली बार 20 बैंक और एनबीएफसी सात फीसदी से भी कम दर पर होम लोन ऑफर कर रहे हैं।
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