Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Gold Review And Outlook Heavy fall in the rates of gold and silver price America was saved from the shutdown but will gold be able to save itself from the fall

सोने-चांदी के रेट में भारी गिरावट, शटडाउन से बच गया अमेरिका पर क्या गोल्ड गिरावट से बच पाएगा?

Gold Review And Outlook: सोना-चांदी खरीदने वालों के खुशखबरी है। पिछले एक महीने में सोना 1700 अधिक सस्ता हो गया है। चांदी भी 3235 रुपये गिरी है। यूएस शटडाऊन से बच गया पर क्या सोने में गिरावट थमेगी

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 2 Oct 2023 09:57 AM
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Gold Price Review: त्योहारों से पहले सोने-चांदी के रेट में भारी गिरावट देखी गई। यह सोना-चांदी (Gold-Silver Price) खरीदने वालों के लिए बेहतरीन मौका है। सितंबर में सर्राफा बाजारों में सोना-चांदी के भाव औंधेमुह गिरे। सोने का हाजिर भाव जहां 59489 रुपये से 57719 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया वहीं चांदी 74838 रुपये से 71603 रुपये प्रति किलो पर आ गई है। एक सितंबर 2023 के बंद भाव के मुकाबले सोना 1770 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ है जबकि, चांदी के भाव 3235 रुपये टूटे हैं।

आईबीजेए द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक अब सोना अपने ऑल टाइम हाई से 4020 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता मिल रहा है। बता दें 5 मई को सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोने का हाजिर भाव ऑल टाइम हाई 61739 रुपये पर पहुंच गया था। वहीं, चांदी इस दिन 77280 रुपये प्रति किलो थी। इस दिन के रेट से चांदी करीब 5500 रुपये किलो सस्ती मिल रही है। 

दो महीने के निचले स्तर पर आया सोना

वैश्विक वित्तीय बाजार में व्याप्त जोखिम के बावजूद, सोना 'निवेशकों के लिए आश्रय' के रूप में उभरने में विफल रहा और दो महीने के निचले स्तर पर आ गया। सोने की हाजिर कीमत 1,880 डॉलर प्रति औंस के महत्वपूर्ण समर्थन स्तर को भी पार कर गई और शुक्रवार को 1,848 डॉलर के स्तर पर बंद हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर अक्टूबर 2023 की समाप्ति के लिए सोने का वायदा कांट्रैक्ट ₹57,096 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर समाप्त हुआ। कमोडिटी बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी डॉलर की दरों में लगातार उछाल ने कीमती धातु पर दबाव डाला है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत को अब $1,810 से $1,800 प्रति औंस के स्तर पर प्रमुख समर्थन प्राप्त है, जबकि एमसीएक्स पर, सोने के लिए तत्काल सपोर्ट ₹57,000 पर है।

सोने की कीमतों पर क्यों है दबाव?
सोने की कीमतों में गिरावट के कारण पर प्रकाश डालते हुए, एक्मे इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स की कार्यकारी निदेशक और मुख्य रणनीतिकार, सुगंधा सचदेवा ने कहा, "अमेरिका में लगातार उच्च ब्याज दरों पर बढ़ती चिंताओं के कारण डॉलर इंडेक्स में 10 महीने के उच्चतम स्तर पर लगातार उछाल आया है। इसने सोने की कीमतों पर नीचे की ओर दबाव डाला। "

दुनिया भर के लिए एक राहत भरी खबर: इससे पहले नए खर्च बिल पर सांसदों के बीच आम सहमति की कमी के कारण संभावित अमेरिकी सरकार के शटडाउन के बारे में चिंताएं भी सोने के लिए निरंतर समर्थन प्रदान नहीं कर सकीं। वहीं, अब अमेरिका शटडाउन से बच गया है। यूएस कांग्रेसने डेडलाइन खत्म होने से पहले आखिरी क्षणों में फंडिग बिल पास कर दिया। बता दें कि US Funding Bill पास न होने की स्थिति में अमेरिकी सरकार को शटडाउन का ऐलान करना होता और इसके बाद 33 लाख कर्मचारियों की सैलरी पर संकट के साथ ही और भी परेशानियां पैदा हो जातीं। इसका असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर भी देखने को मिलता। 

फोकस में अमेरिकी शटडाउन: निकट भविष्य में सोने की कीमतों में उछाल को बढ़ावा देने वाले तात्कालिक ट्रिगर पर, एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के प्रमुख अनुज गुप्ता ने कहा, " सोने की कीमत में और गिरावट संभव हो सकती है और उस स्थिति में सोने के निवेशकों के लिए आदर्श रणनीति 'बढ़ने पर बिकवाली' होगी। हालांकि, चीन में चल रही रियल एस्टेट चिंता से भी सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है, क्योंकि निवेशकों को रियल एस्टेट से पैसा सोने सहित अन्य सुरक्षित ठिकानों में स्थानांतरित करने की उम्मीद है।" चीन के शेयर निवेशकों का कहना है कि संपत्ति संकट का अभी सबसे बुरा दौर आना बाकी है

सोने की चमक होगी और फीकी या बढ़ेगी: घरेलू बाजार में, ₹57,000 प्रति 10 ग्राम का स्तर अभी भी एक प्रमुख समर्थन के रूप में काम कर रहा है, लेकिन इस सीमा के नीचे बंद होने से ₹56,100 प्रति 10 ग्राम की ओर गिरावट का मार्ग प्रशस्त हो सकता  है। एक्सपर्ट सुगंधा सचदेवा ने कहा, "चूंकि सोने का बाजार आर्थिक डेटा और मौद्रिक नीति के अंतरधाराओं को नेविगेट करना जारी रखता है, इसलिए उभरते परिदृश्य की सावधानीपूर्वक निगरानी करना और कोई भी महत्वपूर्ण कदम उठाने से पहले प्रतीक्षा करना समझदारी होगी।"

Disclaimer: इस लेख में दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों के हैं। ये हिंदुस्तान के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच कर लें।

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