सोना 7 दिन में 3248 तो चांदी 10385 रुपये उछली
पिछले 7 कारोबारी दिन में सोने के हाजिर भाव में 3248 रुपये प्रति 10 ग्राम का उछाल आया है। वहीं मंगलवार को छोड़कर हर दिन उछलने वाली चांदी 10385 रुपये किलो उछली है। मंगलवार 28 जुलाई को देश भर के सर्राफा...
पिछले 7 कारोबारी दिन में सोने के हाजिर भाव में 3248 रुपये प्रति 10 ग्राम का उछाल आया है। वहीं मंगलवार को छोड़कर हर दिन उछलने वाली चांदी 10385 रुपये किलो उछली है। मंगलवार 28 जुलाई को देश भर के सर्राफा बाजारों में सोने की औसत कीमत 52465 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि 20 जुलाई को देशभर के सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना 49217 रुपये पर बंद हुआ था। अगर चांदी की बात करें तो इन सात दिनों में चांदी हाजिर 10385 रुपये प्रति किलोग्राम उछल कर 52188 रुपये से 62730 रुपये प्रति किलो पर जा पहुंची है।
तारीख | सोने का शाम का रेट (रुपये/10 ग्राम) | चांदी का शाम का रेट (रुपये/ किलो ग्राम) |
28 जुलाई 2020 | 52,465 | 62,730 |
27 जुलाई 2020 | 52,369 | 64,505 |
24जुलाई 2020 | 51,124 | 59,885 |
23 जुलाई 2020 | 50,703 | 60,785 |
22 जुलाई 2020 | 50181 | 59170 |
21 जुलाई 2020 | 49440 | 54850 |
20 जुलाई 2020 | 49,217 | 52,345 |
स्रोत: ibja
क्यों बढ़ रहा सोने-चांदी के दाम
वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन को लेकर बढ़ता तनाव: कोरोना संकट के बाद चीन से दुनिया भर के देशों के रिश्ते बिगड़े हैं। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार, व्यापार सहित कई मोर्चों पर तनाव बढ़ गया है। कोरोना वायरस से निपटने और चीन द्वारा हांगकांग के लिए एक सख्त नया सुरक्षा कानून थोपन की वजह से अमेरिका और चीन में एक नए शीत युद्ध की शुरुआत हो चुकी है।
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट से निवेशक डरे
कोरोना संकट की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। दुनियाभर के शेयर बाजारों में अनिश्चितता का माहौल है। कई देशों को कोविड-19 संक्रमण के सेकेंड वेब की आशंका ने दोबारा लॉकडाउन करने पर मजबूर होना पड़ा। इसका असर शेयर बाजारों पर पड़ रहा है। इस उथल-पुथल भरे माहौल में निवेशक इक्विटी के बजाय सोने-चांदी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से सुस्ती की चपेट में
रियल एस्टेट भी पस्त पड़ा है। इस दौर निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित सोना ही नजर आ रहा है। निवेशकों का रुझान गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और बॉन्ड की तरफ बढ़ा है। यही वजह है कि सोने के रेट बढ़ते जा रहे हैं।
दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में कमजोरी
वहीं डॉलर सूचकांक गिरकर अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कई साल के निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे सोना अन्य देशों के लिए सस्ता हो गया है, जिससे इसकी खरीददारी तेज हो गई है। इसका असर भी दोनों धातुओं की कीमतों पर पड़ रहा है। वहीं डॉलर सूचकांक गिरकर अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले कई साल के निचले स्तर पर पहुंच गया, जिससे सोना अन्य देशों के लिए सस्ता हो गया है, जिससे इसकी खरीददारी तेज हो गई है। भारत में इस साल अब तक सोने की कीमतों में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद से चांदी बढ़ी है।
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की खरीदारी
शेयर बाजार में गिरावट और अर्थव्यवस्था में संकट के दौर में तमाम फंड मैनेजर पोर्टफोलियो में सोने की हिस्सेदारी बढ़ाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सोना सेफ हैवन इन्वेस्टमेंट यानी सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। केंद्रीय बैंक, फंड मैनेजर्स, स्वतंत्र निवेशक आदि ये सभी लोग पूरी दुनिया में अलग अलग एक्सचेंज पर सोने की खरीदारी कर रहे हैं । सोने के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी रिकॉर्ड उंचाई पर है ।
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