Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Future Group Reliance Deal SEBI now eyeing Future Reliance deal

Future Group-Reliance Deal: फ्यूचर-रिलायंस सौदे में अब निगाहें सेबी पर

देश में खुदरा कारोबार के फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच सौदे में अब सबकी निगाहें नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) पर लग गई हैं। फ्यूचर ग्रुप की एक याचिका पर निर्णय...

Sheetal Tanwar एजेंसी, नई दिल्लीFri, 25 Dec 2020 08:15 AM
share Share
Follow Us on

देश में खुदरा कारोबार के फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच सौदे में अब सबकी निगाहें नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) पर लग गई हैं। फ्यूचर ग्रुप की एक याचिका पर निर्णय देने के दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस सौदे पर नियामक संस्था को आगे फैसला करने की हरी झंडी दे दी थी। फ्यूचर ग्रुप ने इस सौदे पर आपत्ति कर रहे अमेजन को नियामकों से बातचीत की अनुमति नहीं देने की गुहार लगाई थी हालांकि, न्यायालय ने फ्यूचर की याचिका को खारिज कर दिया था।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) सौदे को पहले ही मंजूरी दे चुका है। अब गेंद सेबी के पाले में है। शेयर बाजारों के अलावा एनसीएलटी के साथ ही सेबी की मंजूरी मिलना, इस सौदे में अब काफी अहम है। फ्यूचर कंपनी बोर्ड ने रिलायंस रिटेल को संपत्ति बेचने के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसे 21 दिसंबर के फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने वैद्य करार दिया है। न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल के सौदे को प्रथम दृष्टया कानूनी रूप से सही माना है। कंपनी मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक सेबी को फैसला लेने के लिए तीन महत्वपूर्ण बातों पर गौर करना होता है। पहला सौदे का प्रस्ताव कानूनी है कि नहीं, दूसरा सीसीआई की मंजूरी और तीसरा शेयर बाजारों की अनुमति। न्यायालय की सौदे के प्रस्ताव को हरी झंडी और सीसीआई की मंजूरी के बाद अब शेयर बाजारों को ही सौदे पर अपनी राय बतानी है। विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि अदालत के रूख के बाद बाम्बे शेयर बाजार (बीएसई)और नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एनएसई) की राय फ्यूचर-रिलायंस सौदे के पक्ष में ही होगी। सौदा पूरा नहीं होने की स्थिति में फ्यूचर दिवालिया प्रक्रिया में जा सकता है। इससे हजारों लोगों की रोजी रोटी खतरे में पड़ सकती है। फैसला लेते हुए सेबी को इस बात पर भी गौर करना होगा। जानकार मानते हैं कि यदि फ्यूचर- रिलायंस रिटेल डील नहीं हुई तो इस सेक्टर में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष एक लाख से अधिक रोजगार छिन जाएंगे। शेयर बाजारों को न्यायालय के आदेश की जानकारी देते हुए किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप ने कहा है, अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी एमेजॉन ने फ्यूचर रिटेल को नियंत्रित करने की कोशिशों में फेमा और एफडीआई के नियमों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया है। एमेजॉन ने विभिन्न समझौतों के तहत फ्यूचर पर नियंत्रण की गैरकानूनी कोशिश की है।

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें