EPFO: 73.87 लाख पीएफ क्लेम में से 24.93 लाख खारिज, ये है बड़ी वजह
EPFO: हर तीन ईपीएफ दावों में से एक दावा नामंजूर हो रहा है। क्लेम मिलने में देरी होने और भारी संख्या में दावे खारिज करने की काफी शिकायतें सोशल मीडिया पर आ रही हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े सदस्यों को अपने पीएफ क्लेम को निपटाने में मुश्किलों का सामना कर पड़ा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफ अंतिम दावों के करीब 13 फीसद मामले खारिज हुए थे, जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर लगभग 34 प्रतिशत हो गए है। यानी हर तीन ईपीएफ दावों में से एक दावा नामंजूर हो रहा है। क्लेम मिलने में देरी होने और भारी संख्या में दावे खारिज करने की काफी शिकायतें सोशल मीडिया पर आ रही हैं।
वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 73.87 लाख पीएफ क्लेम आए थे, जिनमें से 24.93 लाख यानी 33.8 फीसदी खारिज हो गए। इस तरह तीन में से एक दावा रद्द हो गया। इसी अवधि में 46.66 लाख दावे निपटाए गए और सदस्यों को राशि जारी की गई। 18 लाख दावे शेष रह गए।
यह आंकड़ा वर्ष 2017-18 और 2018-19 में खारिज किए गए दावों से काफी अधिक है। उस समय क्रमश: 13 फीसदी और 18.2 फीसदी दावे खारिज हुए थे। इसके बाद 2019-20 में दावा खारिज होने की दर बढ़कर 24.1 फीसदी पहुंच गई। वर्ष 2020-21 में यद दर 30.8 फीसदी और 2021-22 में 35.2 फीसदी पहुंच गई।
ऑनलाइन दावों में समस्या सबसे ज्यादा: ईपीएफओ अधिकारियों का कहना है कि पीएफ दावे तेजी से अस्वीकार होने की बड़ी वजह ऑनलाइन प्रक्रिया है। पहले दस्तावेजों का सत्यापन नियोक्ता या कंपनी करती थी, इसके बाद कागजात ईपीएफओ के पास आते थे। लेकिन, अब पीएफ खाते आधार नंबर से ऑनलाइन जोड़े गए हैं। ऐसे में 99 फीसदी दावे ऑनलाइन पोर्टल के जरिए किए जा रहे हैं। ऑनलाइन आवेदन में आवेदनकर्ताओं से कुछ गलतियां हो जाती हैं और उनका क्लेम खारिज हो जाता है।
क्या कहता है ईपीएफओ: ईपीएफओ के मुताबिक जब पीएफ का ऑफलाइन निपटारा होता था तो संस्थान की हेल्पडेस्क ऐसे मामलों को निपटाती थी, जिससे पीएफ दावा जल्दी खारिज नहीं होता था। अब पीएफ की रकम ऑनलाइन क्लेम हो रही है जिसमें कई खामियां आ रही हैं। कई बार तो पीएफ खाताधारक के नाम के अक्षर मेल नहीं खाते, तो कभी आधार कार्ड में अलग-अलग जानकारी होती है। इसकी जिसकी वजह से पीएफ के दावों के निपटारे में काफी दिक्कतें आ रही है।
दावे निपटाने में लगते हैं 20 दिन
ईपीएफओ के मुताबिक अगर सही तरीके से सभी दस्तावेजों के साथ दावा दाखिल किया जाए तो पीएफ खाताधारक को 20 दिन के भीतर पैसा दे दिया जाता है। ईपीएफओ के पास 27.7 करोड़ खाते हैं और यह लगभग 20 लाख करोड़ के फंड का प्रबंधन करता है।
क्लेम दाखिल करते समय बरतें ये सावधानी
1. गलत या अधूरी केवाईसी
अगर आपकी केवाईसी जानकारी अधूरी और वैध नहीं है तो पीएफ दावा खारिज हो सकता है। इससे बचने के लिए दावा दाखिल करने से पहले केवाईसी से संबंधित सभी दस्तावेजों को अपडेट कर लें।
2. यूएएन आधार से लिंक न होना
यदि आधार और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) आपस में लिंक नहीं है तो पीएफ दावा खारिज हो जाएगा। ऐसे में आधार को सबसे पहले यूएएन से लिंक करें।
3.जानकारी में अंतर
जमा किए गए दावे के विवरण और ईपीएफओ रिकॉर्ड्स के बीच अंतर से भी दावा खारिज हो सकता है। इसलिए नाम, कंपनी में शामिल होने और छोड़ने की तारीख, बैंक खाते का ब्योरे के जरूरी ठीक कर लें।
4. बैंक खाता नंबर गलत होना
गलत बैंक खाता नंबर या आईएफएससी कोड देने से भी दावा खारिज हो जाएगा। रकम पाने के लिए खाता सक्रिय होना चाहिए और पीएफ खाते के साथ लिंक होना चाहिए।
5. गलत फॉर्म भर देना
कई बार आवेदक गलत फॉर्म भर देते हैं, इससे भी रकम नहीं मिलती। ध्यान दें कि फॉर्म 19 अंतिम निपटान के लिए है, फॉर्म 10सी पेंशन निकासी और फॉर्म 31 आंशिक निकासी के लिए है।
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