नरेश गोयल: ट्रैवल एजेंसी चलाने वाला शख्स, जेट एयरवेज के जरिए बदला आसमान का रंग
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार किया कर लिया है। मनी-लॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है।
Jet Airways, Naresh Goyal: जांच एजेंसी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार किया कर लिया है। मनी-लॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि नरेश गोयल को शनिवार को मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां ईडी उन्हें हिरासत में दिये जाने का अनुरोध करेगी। इससे पहले ईडी ने 19 जुलाई को नरेश गोयल और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी। बहरहाल, आइए जानते हैं कि आखिर कौन है नरेश गोयल जिन्होंने जेट एयरवेज के जरिए एविएशन इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई।
ट्रैवल एजेंसी चलाने वाले शख्स की उड़ान
जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल साल 1993 तक एक ट्रैवल एजेंसी चलाते थे। उन्होंने दो बोइंग 737 के साथ जेट एयरवेज की शुरुआत की। यह देश की पहली प्राइवेट एयरलाइन थी, जिसका उद्घाटन जेआरडी टाटा ने किया। कुछ ही साल में जेट एयरवेज एक चर्चित ब्रांड बन गई। इस एयरलाइन ने पहली बार ऑफर्स के जरिए सस्ती दर पर टिकट देने के कॉन्सेप्ट की शुरुआत की। इस वजह से मीडिल क्लास अट्रैक्ट हुआ और लोगों को उड़ान का सपना साकार होता दिखने लगा।
कहानी पतन की: साल 2006 में नरेश गोयल की अगुवाई में जेट एयरवेज ने सहारा एयरलाइन को लगभग 2,250 करोड़ में खरीद कर उस दौर की सबसे बड़ी एविएशन डील की थी। हालांकि, इस डील को जेट एयरवेज के पतन की शुरुआत के तौर पर देखा गया। साल 2008 की मंदी ने भी जेट एयरवेज के पतन में अहम भूमिका निभाई। लो-फेयर प्राइस का कॉम्पिटिशन तेज हो रहा था। इस माहौल को नजरअंदाज करते हुए जेट एयरवेज का पूरा फोकस इंटरनेशनल मार्केट पर था। एक वक्त ऐसा भी आया कि मजबूत दिखने वाली एयरलाइन जेट एयरवेज को भारी भरकम कर्ज लेना पड़ा।
बिगड़ते हालात में जेट एयरवेज को खाड़ी देश की एयरलाइन एतिहाद ने सहारा दिया। एतिहाद ने जेट एयरवेज के 24 फीसदी शेयर खरीदे। इसके बावजूद हालात में सुधार होता नहीं दिखा और एयरलाइन का कर्ज बढ़ता गया। एयरलाइन पर एसबीआई समेत कई बड़े बैंकों का कर्ज है। अप्रैल 2019 में ऐसी स्थिति आ गई कि जेट एयरवेज को अपने विमान खड़े करने पड़े।
इसके बाद अब तक यह एयरलाइन उड़ान नहीं भर सकी है। हालांकि, जालान-कालरॉक समूह (जेकेसी) ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत इस एयरलाइन पर मालिकाना हक हासिल कर लिया है लेकिन अब भी कई ऐसे पेच हैं, जिस वजह से एयरलाइन उड़ान नहीं भर पा रही है।
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