भारतीय आईटी सेक्टर पर अमेरिका-यूरोप में आर्थिक सुस्ती का दिखेगा व्यापक असर, चुनौतीपूर्ण रहेगा यह साल
इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो समेत सभी प्रमुख आईटी कंपनियां पहले ही चेता चुकी हैं कि ग्राहक, जिनमें से अधिकांश अमेरिका के हैं, अपना आईटी खर्च कम कर रहे हैं, सौदों में विलंब कर रहे हैं और रद्द भी।
अमेरिका और यूरोप में आर्थिक सुस्ती का व्यापक असर भारतीय आईटी कंपनियों पर भी देखने को मिल रहा है। शोध फर्म जेपी. मॉर्गन का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष में कंपनियों का प्रदर्शन चुनौतीपूर्ण रहेगा। निवेशकों को वित्त वर्ष 2025 में ही सौदों में सुधार की उम्मीद है।
टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएलटेक के नतीजे अगले सप्ताह
जेपी मॉर्गन के विश्लेषक अंकुर रुद्र और भाविक मेहता ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस क्षेत्र के संबंध में हमारा रुख नकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि हमने अपनी हालिया जांच में इनकी मांग में कोई सार्थक वृद्धि नहीं देखी है। हमें लगता है कि स्थिति पिछली तिमाही की तरह सकारात्मक नहीं है। विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों ने मान लिया है कि वित्त वर्ष 2024 विफल हो गया है और उन्होंने अपना ध्यान वित्त वर्ष 2025 पर केंद्रित कर दिया है, जिससे उन्हें सुधार की उम्मीद है। टीसीएस, इंफोसिस और एचसीएलटेक के नतीजे अगले सप्ताह आएंगे।
आईटी कंपनियां पहले ही जता चुकी हैं आशंका: इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो समेत सभी प्रमुख आईटी कंपनियां पहले ही चेता चुकी हैं कि ग्राहक, जिनमें से अधिकांश अमेरिका के हैं, अपना आईटी खर्च कम कर रहे हैं, सौदों में विलंब कर रहे हैं और उन्हें रद्द भी कर रहे हैं। इसकी वजह धीमी आर्थिक वृद्धि और ब्याज दरों में लंबे समय तक बढ़ोतरी की आशंका है।
आय को लेकर संशय: जेपी मॉर्गन को वित्त वर्ष 2025 में लार्ज-कैप आईटी कंपनियों के लिए एकल-अंकीय आय वृद्धि की उम्मीद है, जबकि बाजार की उम्मीदें दोहरे अंक की हैं। वहीं, मॉर्गन को मिड-कैप कंपनियों के लिए दोहरे अंक की आय वृद्धि की उम्मीद है।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।