BSNL में 57 हजार कर्मचारियों ने मांगा वीआरएस, कंपनी के लिए बढ़ी परेशानी
भारत संचार निगम (बीएसएनएल) के सामने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश से नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि वीआरएस से टेलीफोन एक्सचेंज और दूसरे कार्य प्रभावित हो सकते हैं।...
भारत संचार निगम (बीएसएनएल) के सामने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश से नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि वीआरएस से टेलीफोन एक्सचेंज और दूसरे कार्य प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को टेलीफोन एक्सचेंज की व्यवस्था सुचारू रूप से बनाए रखने लिए उपाय करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते के भीतर 57 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस का आवदेन दे दिया है।
दूरसंचार विभाग ने वीआरएस को कंपनी के करीब आधे कर्मचारियों द्वारा अपनाए जाने की संभावना के बीच यह बात कही गई है। फिलहाल परिवर्तन अवधि के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। दूरसंचार विभाग के एक सूत्र ने कहा कि मामले पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है और वीआरएस योजना के कारण एक्सचेंज के रखरखाव तथा अन्य कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने को लेकर को लेकर बैठकें जारी हैं। वीआरएस योजना पेश किए जाने के महज चार दिन में ही सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के 57,000 कर्मचारियों ने आवेदन कर दिया है। एमटीएनएल को मिलाकर वीआरएस के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारियों की संख्या 60,000 से ऊपर पहुंच गई है। बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या करीब 1.50 लाख है। इसमें से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के दायरे में आते हैं। कंपनी को उम्मीद है कि करीब 77,000 कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाएंगे।
इसका मतलब है कि अगर इतने कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो कर्मचारियों की संख्या आधी हो जाएगी। मौजूदा योजना के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्त की प्रभावी तारीख 31 जनवरी 2020 है। इस बारे में संपर्क किये जाने पर बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी. के. पुरवार ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मामले में चर्चा शुरू की गई है और निगम कामकाज को जारी रखने तथा उसके पुनर्गठन की योजना बना रही है।
पिछले सप्ताह आई बीएसएनएल की वीआरएस योजना तीन दिसंबर तक खुली रहेगी। कंपनी को उम्मीद है कि 70,000 से 80,000 कर्मचारी वीआरएस योजना को अपनाएंगे और इससे वेतन मद में करीब 7,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बचे हुए कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ सकता है।
कर्मियों पर काम का दबाव बढ़ सकता है
बीएसएनएल के सीएमडी पी. के. पुरवार ने कहा कि हमने आंकड़े लेना शुरू किया है, उम्मीद के मुताबिक कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो उसके बाद भी हमारे पास करीब 80,000 कर्मचारी होंगे,लेकिन यह कुल संख्या का आधा होगा। ऐसे में कंपनी के कर्मचारियों को कार्य संस्कृति बदलनी होगी।
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