मुफ्त राशन: देश के गरीबों का पेट भरने के लिए खर्च हो जाएंगे 3.40 लाख करोड़ रुपये
केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित कुल 39.45 लाख करोड़ रुपये के बजट का 5.2 फीसदी हिस्सा खाद्य सब्सिडी कार्यक्रमों पर खर्च होगा। वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने 2.06 लाख करोड़ रुपये का बजट खाद्य सब्सिडी के लिए आवंटित किया था।
केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आवंटित कुल 39.45 लाख करोड़ रुपये के बजट का 5.2 फीसदी हिस्सा खाद्य सब्सिडी कार्यक्रमों पर खर्च होगा। वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने 2.06 लाख करोड़ रुपये का बजट खाद्य सब्सिडी के लिए आवंटित किया था।
गरीबों का पेट भरने के लिए चल रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को छह महीने का विस्तार देने के बाद इस मद में खर्च की कुल रकम 3.40 लाख करोड़ के पार होने का अनुमान है। सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को सस्ती दर पर खाद्यान मुहैया कराती है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की इसमें अहम भूमिका है।
वित्त वर्ष 2020-21 में रिकॉर्ड खर्च
केंद्र की भाजपा सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए खाद्य सब्सिडी के लिए कुल 1,15,570 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। हालांकि इस दौरान खाद्य सब्सिडी पर खर्च हुई रकम का आंकड़ा 4,22618 करोड़ के पार हो गया था। आवंटन की तुलना में खर्च हुई राशि में 366 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। बीते दस वर्षों में ये सर्वाधिक बढ़ोतरी है।
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