बचत खाते की ब्याज दर नहीं बढ़ा रहे बैंक, लेकिन लोन पर बढ़ा दिया
Interest on savings account: एसबीआई, पीएनबी समेत कई सरकारी बैंक जहां बचत जमा पर 2.70 प्रतिशत से लेकर 4 प्रतिशत तक ब्याज दे रहे हैं वहीं, प्रमुख प्राइवेट बैंक 3 प्रतिशत से 4.50 प्रतिशत के बीच।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देश के सभी बैंकों से बचत खाते पर ब्याज दरें पर विचार करने को कहा है। हालांकि, बैंक अभी इसमें बिलकुल दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। रॉयटर्स की खबर के अनुसार, बैंक अपने लाभ मार्जिन को बढ़ाने के लिए बचत खाते पर ब्याज दरें बढ़ाने के इच्छुक नहीं हैं।
ब्याज दरें लगभग स्थिर: मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने मई 2022 से लगातार नीतिगत ब्याज दर (Repo Rate) में बढ़ोतरी का रुख अपनाया हुआ है। आरबीआई ने ब्याज दरों में 250 आधार अंकों से अधिक की वृद्धि की है और रेपो रेट चार प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों ने जिस रफ्तार से कर्ज महंगा किया था, उस रफ्तार से जमा राशि पर ब्याज दरें नहीं बढ़ाई। बचत खाते में ब्याज दरें लगभग स्थिर बनी हुई हैं।
सरकारी बैंक कम दे रहे ब्याज
गौरतलब है कि वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बचत जमा पर 2.70 प्रतिशत से लेकर 4 प्रतिशत तक ब्याज अपने ग्राहकों को दे रहे हैं। वहीं, प्रमुख निजी बैंक 3 प्रतिशत से 4.50 प्रतिशत के बीच ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं।
कौन कितना दे रहा बचत खाते पर ब्याज
- एसबीआई 2.70 से 3%
- पीएनबी 2.70 से 3%
- कैनरा बैंक 2.9 से 4%
- एचडीएफसी 3 से 4.50%
- आईसीआईसीआई 3 से 3.50%
- एक्सिस बैंक 3 से 3.50%
अधिक ब्याज देने वाले बैंक
- आरबीएल 4 से 7.50%
- यस बैंक 3.50 से 7.00%
- बंधन बैंक 3 से 6.25%
बैंक ऋण और जमा में अंतर बढ़ा: बैंकों के ऋण और जमा में अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। यह अब छह फीसद तक पहुंच चुका है। ऐसे में बैंक जमा राशि बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। अभी जमा राशि जहां 12% की दर से बढ़ रही है, तो ऋण 15% की दर से बढ़ रहा है। ऋण वितरण और जमा आकर्षित करने के बीच अंतर ज्यादा है, जिसकी वजह से ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) पर भी असर पड़ा है।
उपभोक्ताओं को दोहरा नुकसान: हालांकि, जमा पर कम ब्याज बढ़ने से ग्राहकों को दोहरा नुकसान हो रहा है। कर्ज पर ब्याज दरें तेजी से बढ़ने से उपभोक्ताओं की कर्ज की मासिक किस्त यानी ईएमआई तेजी से बढ़ रही है। वहीं, बचत खाते और एफडी पर बहुत कम ब्याज मिल रहा है।
क्या कहते हैं बैंक: एक निजी बैंक के शीर्ष अधिकारी का कहना है कि बचत खाते को बनाए रखने की परिचालन लागत और तकनीकी लागत काफी अधिक है। यहां तक कि 20 से 25 आधार अंकों की वृद्धि भी बैंकों को प्रभावित करेगी।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।