अब लोन लेने पर चुकानी होगी पहले से ज्यादा EMI, इस बैंक ने बढ़ाए MCLR रेट
अगर MCLR रेट में कोई बैंक इजाफा करता है तो आपके लोन की दरें बढ़ जाएंगी। जबकि अगर बैंक एमसीएलआर रेट में कमी करेगा तो आपके लोन की दरें भी कम हो जाएंगी।
अगर आप निकट भविष्य में लोन लेने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। बीते 8 फरवरी को आरबीआई (RBI) ने रेपो रेट में एक बार फिर से इजाफा किया है। रेपो रेट में इस इजाफे के बाद देश के कई बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने अपने लेंडिंग रेट्स बढ़ा दिए हैं। लेंडिंग रेट्स में इस इजाफे के बाद प्राइवेट सेक्टर के बड़े लेंडर बंधन बैंक (Bandhan Bank) ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा किया है। बढ़ी हुई नई एमसीएलआर रेट 28 फरवरी से लागू हैं।
बंधन बैंक के बढ़े हुए नए एमसीएलआर रेट
एमसीएलआर रेट में इस इजाफे के बाद बंधन बैंक का ओवरनाइट एमसीएलआर रेट बढ़कर 6.71 पर्सेंट जबकि 1 महीने का एमसीएलआर रेट बढ़कर 6.71 पर्सेंट हो गया है। दूसरी ओर बंधन बैंक का 3 महीने का एमसीएलआर रेट बढ़कर 8.21 पर्सेंट, 6 महीने का एमसीएलआर रेट बढ़कर 8.21 पर्सेंट और 1 साल का एमसीएलआर रेट बढ़कर 10.96 पर्सेंट हो गया है। इसके अलावा, बंधन बैंक का 2 साल और 3 साल का एमसीएलआर रेट भी बढ़कर 10.96 पर्सेंट हो गया है।
क्या होता है MCLR रेट
मार्जिनल कॉस्ट आफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स यानी MCLR रेट वह मिनिमम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अलग-अलग तरह के लोन की ब्याज दरों को निर्धारित करने के लिए साल 2016 में MCLR रेट की शुरुआत की थी। MCLR रेट के बढ़ने या घटने से ही ग्राहकों की EMI तय होती है। अगर MCLR रेट में कोई बैंक इजाफा करता है तो आपके लोन की दरें बढ़ जाएंगी। जबकि अगर बैंक एमसीएलआर रेट में कमी करेगा तो आपके लोन की दर भी कम हो जाएगी।
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