साइबर ठगी के शिकार होने के बाद सबसे पहले ये करें, वापस मिलेगा पैसा
बैंक खाते से की गई धोखाधड़ी के मामले में यदि गोल्डन ऑवर यानी पहले एक घंटे के भीतर भारतीय साइबर अपराध केंद्र तक शिकायत पहुंचती है तो राशि को साइबर अपराधियों के खाते से वापस लिया जा सकता है।

साइबर अपराधियों द्वारा किसी के बैंक खाते से की गई धोखाधड़ी के मामले में यदि गोल्डन ऑवर यानी पहले एक घंटे के भीतर भारतीय साइबर अपराध केंद्र तक शिकायत पहुंचती है तो ऐसे मामलों में धोखाधड़ी से उड़ाई गई राशि को साइबर अपराधियों के खाते से निकलने से रोका जा सकता है। यानी अगर आपके खाते से रकम उड़ती है तो सबसे पहले 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
पांच किस्म की साइबर ठगी सबसे ज्यादा
निवेश के नाम पर सबसे ज्यादा साइबर ठगी के 1.59 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें निवेश का भरोसा दिलाकर ठगी होती है। इसे ठग म्यांमार और कंबोडिया से भी आपरेट कर रहे हैं। दूसरे नंबर पर लोन ऐप के जरिए ठगी के 85 हजार मामले दर्ज हुए हैं। तीसरे नंबर पर कस्टमर केयर के नाम पर होने वाली ठगी है जिसके 43 हजार मामले हैं।
चौथे नंबर टेकओवर यानी नकली पहचान दिखाकर ठगी के मामले है, जिसमें किसी का फोटो इस्तेमाल करके ठगी की जाती है। इसके 38 हजार मामले दर्ज हुए हैं। पांचवे नंबर पर सेक्साटार्सन के 19 हजार केस हैं। हालांकि ये केस ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि हर मामले में लोग रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते हैं।
921.59 करोड़ रुपये को बैंक खातों में ब्लॉक
गृह मंत्रालय के आईफोरसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2023 में 921.59 करोड़ रुपये को बैंक खातों में रोका गया, जिसके चलते अपराधी उसे निकाल नहीं सके। उन्होंने कहा कि यह कुल साइबर अपराधियों द्वारा की गई धोखाधड़ी का 12.32 फीसदी है, लेकिन पिछले तीन साल में पैसे ब्लॉक करने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
वर्ष 2022 में 7.32 फीसदी यानी 169.04 करोड़ तथा 2021 में 6.73 फीसदी यानी 36.38 करोड़ रुपये को बैंक खातों में ब्लाक किया गया था। इस केंद्र का गठन कुछ ही समय पहले किया गया है। गुजरात और कर्नाटक में अदालत के जरिए पैसा वापस दिया जा रहा है।
झारखंड की पहल
गृह मंत्रालय और झारखंड पुलिस ने प्रतिबिंब योजना के तहत देवघर, जामताड़ा आदि साइबर अपराधियों के अड्डों में उन फोन कॉल को ट्रेस करना शुरू किया है जो वहां से देश के दूसरे हिस्सों में जा रहे हैं। पिछले महीने इसके जरिए वहां 450 साइबर अपराधी पकड़े हैं। इस प्रयोग को देश के अन्य हिस्सों में भी अपनाया जाएगा।
50 फीसदी ठगी देश के बाहर से
साइबर ठगी के करीब 50 फीसदी मामले ऐसे हैं जहां गिरोह देश के बाहर से संचालित हो रहे हैं। इनमें म्यांमार, कंबोडिया से सबसे ज्यादा हैं। जबकि लोन ऐप संचालन चीन से ज्यादा है। इस मामले को विदेश मंत्रालय के जरिए संबंधित देशों के समक्ष भी उठाया गयां है।
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