Adani Vs NDTV: अडानी समूह ने एनडीटीवी की दलील को किया खारिज, कहा-शेयर अधिग्रहण के लिए सेबी की मंजूरी जरूरी नहीं
Adani Vs NDTV: अडानी समूह ने एनडीटीवी की इस टिप्पणी को खारिज किया कि उसके शेयर अधिग्रहण के लिए सेबी की मंजूरी जरूरी होगी, समूह ने कहा कि आरआरपीआर नियामक के आदेश के तहत नहीं आती है।
अडानी समूह ने एनडीटीवी की इस दलील को खारिज किया कि उसके शेयर अधिग्रहण के लिए सेबी की मंजूरी जरूरी होगी, समूह ने कहा कि आरआरपीआर नियामक के आदेश के तहत नहीं आती है। अडानी एंटरप्राइजेज ने शुक्रवार को कहा कि एनडीटीवी के प्रमोटर आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उठाए गए विवाद कानूनी रूप से अक्षम्य और योग्यता से रहित हैं। गौतम अडानी के स्वामित्व वाली कंपनी ने इसे शेयरों के आवंटन के लिए अनुबंध संबंधी दायित्व को तुरंत पूरा करने के लिए कहा।
क्या थी एनडीटीवी की दलील
एनडीटीवी ने शेयर बाजार को बताया था कि अडानी समूह की फर्म विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के लिए एनडीटीवी की प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर लिमिटेड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए बाजार नियामक सेबी की मंजूरी जरूरी है।
वीसीपीएल ने आरआरपीआर की इस दलील को ''बेबुनियाद, कानूनी तौर पर खरा नहीं उतरने वाली और बेकार'' बताया और कहा कि होल्डिंग कंपनी को वॉरेंट एक्सरसाइज नोटिस के अनुसार ''तुरंत अपना दायित्व पूरा करना चाहिए और इक्विटी शेयर आवंटित करने चाहिए।'' अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजारों को भेजी जानकारी में कहा कि 23 अगस्त 2022 के वॉरेंट एक्सरसाइज नोटिस पर वीसीपीएल को आरआरपीआर की ओर से जवाब प्राप्त हुआ है।
अडानी एंटरप्राइजेज का काउंटर
अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा, ''आरआरपीआर सेबी के 27 नवंबर 2020 को जारी आदेश में पक्षकार नहीं है। इसलिए आरआरपीआर ने सेबी की ओर से लगाई गई जिस पाबंदी का उल्लेख किया है, वह आरआरपीआर पर लागू नहीं होती है।'' समूह ने कहा कि आरआरपीआर द्वारा नोटिस के मुताबिक दायित्वों को पूरा करने से सेबी के आदेश का उल्लंघन नहीं होगा क्योंकि इससे प्रणय रॉय या राधिका रॉय की प्रतिभूतियों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लेनदेन नहीं हो रहा है।
अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा, ''इसलिए वीसीवीएल आआरपीआर की इस बात से सहमत नहीं है कि शेयरों के आवंटन के लिए सेबी की पूर्व लिखित अनुमति आवश्यक होगी।'' सेबी ने 27 नवंबर 2020 को एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार की रोक लगा दी थी। एनडीटीवी ने शेयर बाजारों को बताया था कि पाबंदी की अवधि 26 नवंबर 2022 को खत्म होगी।
अडानी ग्रुप की अधिग्रहण बोली का विरोध किया था आरआरपीआर ने
एनडीटीवी के संस्थापक-प्रवर्तकों राधिका और प्रणय रॉय के स्वामित्व वाले और एनडीटीवी में 29.18% हिस्सेदारी रखने वाले आरआरपीआर ने गुरुवार को अडानी ग्रुप की अधिग्रहण बोली का विरोध किया था, जिसमें दावा किया गया था कि एक नियामक आदेश उन्हें कंपनी के शेयरों को ट्रांसफर करने से रोकता है।
अडानी ग्रुप ने हाल ही में अपनी मीडिया कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स बनाई है। एनडीटीवी के शेयरों का अधिग्रहण इसी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स की सब्सिडियरी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड करने जा रही है। इस कंपनी ने 12 साल पहले एनडीटीवी की एक प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज दिया था, जिसके बदले शेयरों का अधिग्रहण किया जा रहा है।
अडानी समूह ने यह भी बताया है कि वो एनडीटीवी के अतिरिक्त 26 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए भी एक खुला प्रस्ताव लेकर आएगा। अगर अडानी समूह इसमें सफल होता है तो एनडीटीवी की उसकी कुल हिस्सेदारी 55.18 प्रतिशत हो जाएगी और वह सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा। इस समय एनडीटीवी समूह के सबसे बड़े शेयरधारक उसके संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय हैं। इनके पास एनडीटीवी के सिर्फ 32 प्रतिशत शेयर बचे हैं।
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