Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़10 major reasons for the rise in gold price know where will the gold silver rate reach

सोने की कीमतों में आए उछाल की 10 बड़ी वजहें, जानें कहां तक पहुंचेगा Gold-Silver का रेट

पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से विदेशों में सोना 1,600 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गयी। इससे दिल्ली सराफा बाजार में इसके दाम 530 रुपये बढ़कर 42,330 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गये। चांदी भी 760 रुपये...

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 8 Jan 2020 03:29 PM
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पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से विदेशों में सोना 1,600 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंच गयी। इससे दिल्ली सराफा बाजार में इसके दाम 530 रुपये बढ़कर 42,330 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गये। चांदी भी 760 रुपये उछलकर चार महीने से अधिक के उच्चतम स्तर 49,560 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव रहा। ईरान-अमेरिका तनाव समेत ये 10 वजहें हैं जिससे सोने का भाव आसमान छू रहा है और आगे भी इसमें तेजी रहने की संभावना है...

  1. ईरान-अमेरिका तनाव: ईरान ने आज सुबह इराक स्थिति अमेरिकी सैन्य बलों और अमेरिकी बेस पर मिसाइल हमला किया। इससे निवेशकों ने पूंजी बाजार में जोखिम उठाने की बजाय सुरक्षित निवेश मानी जाने वाली पीली धातु का रुख किया। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की शुरुआत से ही स्थानीय बाजार में भी दोनों कीमती धातुओं में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। इस साल 2 जनवरी के बाद से पांच कारोबारी दिवस में सोना 1,980 रुपये प्रति दस ग्राम और चांदी 1,910 रुपये प्रति किलोग्राम महंगी हो चुकी है।
  2. वैश्विक आर्थिक सुस्ती : बीते 18 महीनों के दौरान अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को लेकर टकराव की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार मंद पड़ गई और अनिश्चितता का माहौल अभी खत्म नहीं हुआ है। यही कारण रहा कि बीते साल 2019 में सोने के रेट में उछाल आया।
  3. ब्याज दरों में कटौती : वैश्विक स्तर पर पिछले दिनों केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती  की। इस वजह से डॉलर में जो कमजोरी रही उससे सोने की तेजी को सपोर्ट मिला। पहले के मुकाबले डॉलर में कमजोरी अभी भी बरकार है।
  4. निवेश का सुरक्षित व बेहतर साधन : आज भी सोने-चांदी में निवेश को बेहद सुरक्षित माना जाता है।  रियल स्टेट के क्षेत्र में निवेश कमजोर रहने और इक्विटी निवेश के प्रति अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों के लिए सोना निवेश का एकमात्र सुरक्षित और बेतहर साधन रह जाता है। यही वजह है कि सोने के दाम में तेजी बनी हुई है।
  5. सोने के निवेशकों को पिछले साल भारत में 23.77 फीसदी रिटर्न मिला। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 18.28 फीसदी का रिटर्न मिला। इसलिए सोने में निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बना हुआ है।
  6. तेजी का ट्रेंड : केडिया एडवाइजरी (Kedia Advisory) के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) के मुताबिक सोने में तेजी के ट्रेंड के इतिहास पर नजर डालें तो जब भी महंगी धातु में तेजी आती है, तो यह ट्रेंड तीन से चार साल तक चलता है।
  7. इक्विटी में गिरावट की आशंका :  इक्विटी मार्केट में बड़ा करेक्शन भी सोने के रेट में बड़ी तेजी की वहज है। बीते साल इक्विटी में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा रिटर्न मिला, लेकिन आगे गिरावट की आशंका है जिससे सोने के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा क्योंकि यह निवेश का सुरक्षित उपकरण है।
  8. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी :  सेंट्रल बैंक बाइंग ईटीएफ में निवेश भी सोने में तेजी का एक बड़ा कारण है। अजय केडिया कहते हैं कि सोने में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी बढ़ी है, जिससे इसकी कीमतों को आने वाले दिनों में भी सपोर्ट मिलने की संभावना है।
  9. ईटीएफ लिवाली : सोने में तेजी का सबसे बड़ा कारक ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) लिवाली रहा है। पिछले साल ग्लोबल ईटीएफ लिवाली में करीब 295 टन का इजाफा हुआ और ईटीएफ होल्डिंग साल के आखिर में 2,308.6 टन रही।
  10. रुपये में कमजोरी: यह भी एक कारण है जिससे सोने को सपोर्ट मिल सकता है। वहीं, देश में जब-जब सोने में तेजी आती है तो खरीदारी बढ़ती है और इसके विपरीत कीमतों में गिरावट के दौरान खरीदारी का रुझान कमजोर रहता है।

कितना ऊपर जा सकता है सोना

केडिया एडवाइजरी (Kedia Advisory) के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया (Ajay Kedia) भी मानते हैं कि वैश्विक तनाव बढ़ने पर निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने-चांदी का रुख करते हैं। 2020 में सोना 43000 से 44000 तक जा सकता है। इसकी वह कई वजह बताते हैं। केडिया कहते हैं कि सोने में तेजी एक दो साल के लिए नहीं बल्कि 3 से 5 साल की होती है। इसके अलावा ब्रेक्जिट, रिशेसन, निगेटिव बांड डील, सेंट्रल बैंक बाइंग ईटीएफ में निवेश, डालर में कमजोरी जीयो पॉलिटिकल टेंशन, इक्विटी मार्केट में बड़ा करेक्शन भी सोने के रेट में बड़ी तेजी की वहज बन सकते हैं।

75000 तक पहुंच सकती है चांदी

अजय केडिया के मुताबिक सोने के मुकाबले चांदी लोगों को ज्यादा आकर्षित कर सकता है। इसकी सबसे बड़ी वह है गोल्ड-सिल्वर रेश्यो, जो 30 साल में पहली बार हाई लेबल पर था। आज भी सोने के मुकाबले चांदी काफी सस्ती है। साल 2020 में यह 45 58000 से 60000 तक पहुंच सकती है। अगर चांदी 60000 रुपये प्रति किलो का बैरियर तोड़ा तो यह 75000 तक पहुंच सकती है।

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