Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Singapore food agency orders recall of Everest fish curry masala over excess pesticide content detail

एवरेस्ट के फिश करी मसाले पर उठे सवाल, इस मार्केट से वापस लेने के आदेश

  • सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने एवरेस्ट के ‘फिश करी’ मसाला को मार्केट से वापस लेने का आदेश दिया। आरोप के मुताबिक भारत से आयात होने वाले इस मसाले में पेस्टिसाइड यानी कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा आधिक पाई गई है।

Deepak Kumar नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 19 April 2024 04:26 PM
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Fish Curry Masala Row: भारत के चर्चित मसाला ब्रांड एवरेस्ट के ‘फिश करी’ मसाला को सिंगापुर में प्रतिबंधित कर दिया गया है। 18 अप्रैल को जारी एक बयान के अनुसार सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने एवरेस्ट के ‘फिश करी’ मसाला को मार्केट से वापस लेने का आदेश दिया। आरोप के मुताबिक भारत से आयात होने वाले इस मसाले में पेस्टिसाइड यानी कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा आधिक पाई गई है, जो मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है। इस आरोप के बाद सिंगापुर खाद्य एजेंसी (एसएफए) ने मसाले के आयातक एसपी मुथैया एंड संस को उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है।

क्या कहा सिंगापुर की खाद्य एजेंसी ने

खाद्य एजेंसी ने कहा कि कीटनाशक भोजन में उपयोग के लिए अधिकृत नहीं है। एजेंसी की ओर से आगे कहा गया है कि केमिकल कंपाउंड का इस्तेमाल माइक्रोबियल कंटेमिनेशन को रोकने के लिए किया जा सकता है। खाद्य एजेंसी के मुताबिक एथिलीन ऑक्साइड के सेवन से लंबे समय में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

उपभोक्ताओं के लिए एडवाइजरी

खाद्य एजेंसी ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जिन उपभोक्ताओं ने मसाले की खरीदारी कर ली है, उन्हें सलाह दी जाती है कि इसका सेवन न करें। जिन लोगों ने इस तरह के मसाले का सेवन किया है और उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर दिक्कत है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हालांकि, इस पूरे प्रकरण पर एवरेस्ट ने अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

नेस्ले पर उठे सवाल

ये खबर ऐसे समय में आई है जब भारत समेत दुनिया के एक बड़े हिस्से में मल्टीनेशनल एफएमसीजी कंपनी नेस्ले के बेबी फूड्स को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्विट्जरलैंड के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि नेस्ले ने यूरोप के अपने बाजारों की तुलना में भारत सहित कम विकसित दक्षिण एशियाई देशों, अफ्रीकी तथा लैटिन अमेरिकी देशों में अधिक शुगर वाले बेबी फूड्स बेचे। इस बीच नेस्ले इंडिया ने दावा किया था कि उसने पिछले पांच वर्षों में भारत में शिशु आहार उत्पादों में चीनी में 30 प्रतिशत तक की कमी की है।

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