धनतेरस पर बना नया रिकॉर्ड, पहली बार सोने से ज्यादा बढ़ी चांदी की चमक
- जुलाई-सितंबर 2024 की तिमाही में वैश्विक स्तर पर सोने की मांग पांच प्रतिशत बढ़कर 1,313 टन हो गई, जो किसी भी तीसरी तिमाही में सर्वाधिक है। एक वर्ष पहले इसी अवधि में वैश्विक मांग 1,249.6 टन थी।
इस साल धनतेरस पर सोने से ज्यादा चांदी की चमक देखने को मिली। दरअसल, सोने की कीमतों में रिकॉर्डतोड़ तेजी के बीच इसके उपभोक्ता मांग में गिरावट देखी गई। इसके बजाय खरीदार चांदी खरीदने के लिए दौड़ पड़े। भारतीय आभूषण बाजार के इतिहास में पहली बार इस तरह का माहौल दिखा है।
चांदी की बिक्री में बड़ी बढ़ोतरी
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा- पिछले धनतेरस की तुलना में कीमतें 40% अधिक होने के बावजूद इस साल चांदी की बिक्री 30-35% बढ़ी है। मेहता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हम चांदी की बिक्री के डेटा जुटा रहे हैं क्योंकि यह पहली बार है जब हम इतनी बड़ी मांग देख रहे हैं।
मेहता के मुताबिक लोग अब यह समझने लगे हैं कि चांदी में निवेश का एक वास्तविक अवसर है। बता दें कि इस साल धनतेरस के दौरान चांदी की मांग जहां 30-35% बढ़ी, वहीं सोने की बिक्री पिछले त्योहारी सीजन के 42 टन की तुलना में 15% कम होकर लगभग 35-36 टन रही।
सोने की डिमांड
हालांकि, भारत की सोने की मांग इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 248.3 टन रही। पिछले वर्ष की इसी तिमाही में सोने की कुल मांग 210.2 टन थी। रिपोर्ट के अनुसार, सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं, इसलिए निवेशकों में कीमतों में गिरावट का इंतजार करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। पूरे साल सोने की मांग 700-750 टन के दायरे में रहने की संभावना है, जो पिछले साल से थोड़ी कम है। मूल्य के लिहाज से इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 53 प्रतिशत बढ़कर 1,65,380 करोड़ रुपये हो गई, जबकि 2023 की इसी अवधि में यह 1,07,700 करोड़ रुपये थी।
वहीं जुलाई-सितंबर 2024 में वैश्विक स्तर पर सोने की मांग पांच प्रतिशत बढ़कर 1,313 टन हो गई, जो किसी भी तीसरी तिमाही में सर्वाधिक है। एक वर्ष पहले इसी अवधि में वैश्विक मांग 1,249.6 टन थी।
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