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ऐसा क्या हुआ कि आज यह शेयर भर रहा उड़ान? जबकि दिग्गज कंपनियों के शेयर धड़ाम

  • एक तरफ अधिकतर शेयर आज पानी मांग रहे हैं तो वहीं BSE के शेयर उड़ान भर रहे हैं। आज 10 पर्सेंट की उछाल के साथ ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। आखिर ऐसा क्या हुआ कि बीएसई के शेयर आज उड़ रहे हैं?

Drigraj Madheshia मिंटThu, 3 Oct 2024 01:00 PM
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Stock of the day: एक तरफ अधिकतर शेयर आज पानी मांग रहे हैं तो वहीं BSE के शेयर उड़ान भर रहे हैं। आज 10 पर्सेंट की उछाल के साथ ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए। आखिर ऐसा क्या हुआ कि बीएसई के शेयर आज उड़ रहे हैं? दरअसल सेबी द्वारा F&O की देखरेख के लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की शुरुआत के बाद बीएसई शेयर की कीमतें लगभग 10% बढ़ गईं। मंगलवार शाम को सेबी ने छह नए गाइड लाइनों का एक सेट जारी किया। इसमें इंडेक्स फ्यूचर्स की साप्ताहिक एक्सपायरेशन को बैन करना और प्रीमियम को अग्रिम रूप से एकत्र करना शामिल था। ये छह नियम नवंबर 2024 और अप्रैल 2025 के बीच लागू होंगे। 

बीपीसीएल जहां 4.52 पर्सेंट लुढ़का है, वहीं एलएंडटी 3.65 पर्सेंट। श्रीराम फाइनेंस, अपोलो टायर्स और एशियन पेंट्स में भी 3 पर्सेंट से अधिक की गिरावट है। दूसरी ओर दोपहर एक बजे के करीब बीएसई  6 पर्सेंट से अधिक की उछाल के साथ 4098 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।

एक्सपायरी डे के मार्जिन में 8% सुझाव के विपरीत2% की वृद्धि और लॉट साइज में 2-3 गुनी वृद्धि, जैसा कि पहले 3-4 गुनी प्रस्ताव के विपरीत था, दो महत्वपूर्ण अंतर हैं। एनएसई पर बीएसई का शेयर आज 3,800 रुपये पर खुला। स्टॉक ने 4,235 रुपये प्रति शेयर का इंट्राडे हाई और 3,745.05 रुपये का इंट्राडे लो छुआ। लाइव मिंट से 5paisa पर लीड रिसर्च एनालिस्ट रुचित जैन के अनुसार, BSE शेयर की कीमत एक उच्च टॉप हायर बॉटम स्ट्रक्चर बना रही है और क्या यह एक अपट्रेंड में है।अपमूव को अच्छे वॉल्यूम द्वारा भी सपोर्ट किया जाता है और इसलिए मोमेंटम जारी रहने की संभावना है।

बीएसई पर 'न्यूट्रल' रेटिंग बरकरार

सेबी के नए फ्रेमवर्क की घोषणा के बाद ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने अपनी रिपोर्ट में बीएसई पर 'न्यूट्रल' रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज के एनालिसिस के मुताबिक, अगर डेरिवेटिव वॉल्यूम 22 पर्सेंट ग्रोथ के बजाय 20 पर्सेंट तक घटता है तो बीएसई की अर्निंग्स पर असर कम से कम होगा और प्रीमियम और नोशनल टर्नओवर रेशियो 0.072 पर्सेंट से बढ़कर 0.09 पर्सेंट हो जाएगा।

हालांकि, ग्लोबल स्टॉकब्रोकर जेफरीज ने अपने विश्लेषण में कहा कि उसका मानना है कि सिस्टम प्रीमियम में गिरावट के कारण रिटेल-केंद्रित डिस्काउंट ब्रोकर और एक्सचेंज (बीएसई) सबसे अधिक प्रभावित होंगे। नए नियमों की शुरुआत के बाद, बीएसई के लिए वैश्विक ब्रोकरेज ने बैंकेक्स उत्पाद को बंद करने के बाद अपने ईपीएस को लगभग 10% तक कम कर दिया है। सेंसेक्स पर वॉल्यूम प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करना जारी रहेगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, सेबी द्वारा न्यूनतम कांट्रैक्ट साइज बढ़ाने, एक्सपायरी के दिनों में कैलेंडर स्प्रेड को हटाने, साप्ताहिक सूचकांक डेरिवेटिव उत्पादों को तर्कसंगत बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे प्रतिभागियों के लिए उपयुक्त और उपयुक्त हैं।

मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, 'सेबी ने मिनिमम डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू को 15 लाख रुपये तक संशोधित करने और बायर्स से ऑप्शन प्रीमियम के अपफ्रंट कलेक्शन को अनिवार्य करने के कदम उठाए हैं, जिससे बाजार की दिशा में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन इससे जानकार प्लेयर्स को मार्केट में ट्रेडिंग और निवेश के जोखिम की गणना करनी पड़ सकती है।

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