चुनाव के संकेत, विदेशी निवेशकों का मोहभंग…बिखरा शेयर बाजार, ₹7 लाख करोड़ स्वाहा
- सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 1,130 अंक टूटकर दिन के निचले स्तर 72,334.18 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी ने भी 370 अंक की गिरावट देखी और 19 अप्रैल के बाद पहली बार इंट्रा-डे में 22,000 अंक से नीचे फिसल गया।
Stock Market crash: लोकसभा चुनाव के शुरुआती तीन चरण की वोटिंग के बाद शेयर बाजार में दांव लगाने वाले निवेशक अलर्ट मोड में नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि शेयर बाजार दबाव में है और सेंसेक्स-निफ्टी में लगातार गिरावट देखी जा रही है। सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 1,130 अंक टूटकर दिन के निचले स्तर 72,334.18 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी ने भी 370 अंक की गिरावट देखी और 19 अप्रैल के बाद पहली बार इंट्रा-डे में 22,000 अंक से नीचे फिसल गया। क्लोजिंग प्राइस की बात करें तो सेंसेक्स 1062.22 अंक या 1.45% की गिरावट के साथ 72,404.17 पर बंद हुआ। निफ्टी 21,957.50 पर बंद हुआ, जो 345 अंक या 1.55% की गिरावट को दिखाता है।
निवेशकों को कितना नुकसान
गुरुवार को शेयर बाजार में मचे हाहाकार से निवेशकों को 7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। वहीं, बीएसई-सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैपिटल 400 लाख करोड़ रुपये से नीचे गिरकर 393.73 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।
बाजार में गिरावट की बड़ी वजह
लोकसभा चुनाव 2024 के तीन चरण बीत चुके हैं लेकिन निवेशकों में अनिश्चितता है। चुनाव से पहले जिस तरह का उत्साह था, उसमें गिरावट देखी जा रही है। तमाम एक्सपर्ट पहले स्पष्ट तौर पर मान रहे थे कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की धमाकेदार वापसी होगी लेकिन अब थोड़ी असमंजस सी स्थिति नजर आ रही है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में वापसी की संभावना बरकरार है लेकिन बाजार जीत के मार्जिन पर नजर रख रहा है। बता दें कि शुरुआती तीन चरण में वोटिंग पर्सेंट भी कमी आई है।
क्या कहा एक्सपर्ट ने
आईएफए ग्लोबल के फाउंडर अभिषेक गोयनका ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया- बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है और इसकी वजह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को उम्मीद से कमजोर बहुमत मिलने के संकेत हैं। गोयनका के मुताबिक निफ्टी में बड़े उलटफेर हो रहे हैं और यह बाजार में होने वाली घबराहट के बारे में बहुत कुछ बताता है।
प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के अविनाश गोरक्षकर ने कहा कि बिकवाली केवल फ्रंटलाइन लार्ज-कैप शेयरों में दिखाई दे रही है। हालांकि, स्मॉल-कैप और मिड-कैप सूचकांकों में तेजी आई। अविनाश गोरक्षकर ने कहा कि अभी आम चुनाव 2024 के बीच में हैं। जैसे-जैसे हम चुनाव नतीजों की तारीख के करीब आएंगे, अस्थिरता और बढ़ने की उम्मीद है।
हैवीवेट स्टॉक में सुस्ती
गुरुवार के कारोबार में हैवीवेट स्टॉक- एचडीएफसी बैंक और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के शेयर क्रैश हो गए। अपनी सहायक कंपनियों से राजस्व में कमी के कारण एलएंडटी लगभग 6% गिर गया। एशियन पेंट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और आईटीसी में भारी बिकवाली के दबाव ने भी बाजार की परेशानी बढ़ा दी।
एफआईआई की बिकवाली
एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) इस महीने भारी बिकवाली कर रहे हैं। वे मई 2024 में सभी ट्रेडिंग डे में विक्रेता बने रहे। उन्होंने सिर्फ गुरुवार तक कैश सेगमेंट में ₹15,863 करोड़ के भारतीय शेयर बेचे हैं।
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