इस सरकारी बैंक के शेयर के होंगे 5 टुकड़े, आज निवेशकों की रहेगी नजर
- Canara Bank Share: ब्रोक्रेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने 650 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ स्टॉक पर अपनी 'Buy' की सिफारिश बरकरार रखी है। एक अन्य ब्रोक्रेज फर्म ने स्टॉक पर 530 रुपये का टार्गेट दिया है।
केनरा बैंक के शेयर बुधवार यानी सुबह फोकस में रहेंगे, क्योंकि स्टॉक स्प्लिट होने से इस पर आज निवेशकों की नजर रहेगी। ब्रोक्रेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने 650 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ स्टॉक पर अपनी 'Buy' की सिफारिश बरकरार रखी है। एक अन्य ब्रोक्रेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने स्टॉक पर 530 रुपये का टार्गेट दिया है।
पीएसयू बैंक ने बैंक के शेयरों के सब डिविजन के उद्देश्य से शेयरधारकों की पात्रता निर्धारित करने के लिए बुधवार, 15 मई को रिकॉर्ड तिथि के रूप में भी तय किया है। 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले एक इक्विटी शेयर को पांच इक्विटी शेयरों में बांटा गया है। इनमें से प्रत्येक का फेस वैल्यू 2 रुपये है।
क्या है स्टॉक स्प्लिट
स्टॉक स्प्लिट में शेयरों को छोटे फेस वैल्यू के शेयरों में विभाजित किया जाता है। इससे शेयर पूंजी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह बोनस शेयर से अलग है। बोनस शेयर में शेयरों की संख्या के आधार पर मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं। शेयरधारकों को नकद पेमेंट किए बिना बोनस शेयरों की घोषणा की जाती है। इससे रिजर्व कम हो जाता है और नए शेयर जारी होने पर पैसा शेयर कैपिटल में ट्रांसफर हो जाता है।
केनरा बैंक के शेयरों के प्रदर्शन की बात करें तो पिछले एक साल में इनमें 87 फीसद की तेजी आई है। मार्च तिमाही के अंत में सरकार के पास इस पीएसयू बैंक में 62.93 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। केनरा बैंक ने हाल ही में मार्च तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। बैंक ने तिमाही के लिए स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट में 18 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3,757 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। यह सालाना आधार पर 3,174 करोड़ रुपये थी। इसकी शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 11 फीसद बढ़कर 9,580 करोड़ रुपये हो गई, जबकि इसका एनपीए अनुपात क्रमिक रूप से 4.39 से घटकर 4.23 फीसद हो गया।
एनॉलिस्टों ने कहा है कि फंड की लागत में वृद्धि के बावजूद इस पीएसयू बैंक के चौथी तिमाही शुद्ध ब्याज मार्जिन में मामूली वृद्धि हुई है, जिसका श्रेय बैंक द्वारा पुराने कम यील्ड वाले कॉरपोरेट बुक के एक्सपोजर को या तो मौजूदा यील्ड पर नवीनीकृत करके या उन्हें बदलकर करने के क्रमिक प्रयासों के कारण है। विश्लेषकों ने कहा कि सभी की निगाहें आगे चलकर प्रावधानों में बदलाव पर होंगी।
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