इस साल सोना-चांदी ने सेंसेक्स-निफ्टी को भी पीछे छोड़ा, जानें इसकी वजह
- Gold-Silver Vs Sensex-Nifty Return: सोना-चांदी के साथ सेंसेक्स-निफ्टी भी रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रेस में सोना-चांदी सेंसेक्स-निफ्टी को पछाड़ दिए हैं। जबकि, माना जाता है कि जब शेयर मार्केट उछलता है तो सोने-चांदी के भाव गिरते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा।
Gold-Silver Vs Sensex-Nifty Return: साल 2024 न केवल शेयर मार्केट के लिए बल्कि सर्राफा बाजार के लिए रोज नया इतिहास रच रहा है। आमतौर पर माना जाता है कि जब शेयर मार्केट उछलता है तो सोने-चांदी के भाव गिरते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा। सोना-चांदी के साथ सेंसेक्स-निफ्टी भी रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रेस में सोना-चांदी सेंसेक्स-निफ्टी को पछाड़ दिए हैं।
साल-दर-साल आधार पर रिटर्न की तुलना करें तो इस साल अब तक गोल्ड ने अपने निवेशकों को 13 प्रतिशत का रिटर्न दिया है, जबकि चांदी ने अपने निवेशकों को लगभग 8 प्रतिशत रिटर्न दिया है। दूसरी ओर, भारतीय शेयर मार्केट के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों में, एनएसई निफ्टी 4.65 प्रतिशत, बीएसई सेंसेक्स 3.83 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि बैंक निफ्टी इंडेक्स इस साल लगभग 1.56 प्रतिशत चढ़ा है।
इन सभी एसेट के 2024 में एक नए शिखर पर चढ़ने के बावजूद सोने और चांदी ने YTD समय में भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों को पीछे छोड़ दिया है।
क्यों उछल रहे सोना-चांदी
अमेरिकी फेड रेट में कटौती की चर्चा और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी जारी रखना व इक्विटी को बढ़ावा देने वाले ट्रिगर्स ने सोने और चांदी की कीमतों में तेजी का समर्थन किया है। इसके अलावा मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव जैसी वैश्विक अनिश्चितताओं से संबंधित कारकों ने सराफा बाजार की रैली में अहम भूमिका निभाई है।
2024 में सोने और चांदी की कीमतों में उछाल पर एसएस वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक सुगंधा सचदेवा ने कहा, "सोने में अब तक 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जबकि चांदी में 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। निफ्टी और सेंसेक्स ने भी क्रमशः लगभग 4.7 प्रतिशत और 4 प्रतिशत के रिटर्न के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है।
उन्होंने आगे बताया, "भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वैश्विक विकास में मंदी की चिंताओं के बीच एक सुरक्षित-संपत्ति के रूप में सोने की स्थायी अपील ने भी इसकी ताकत में योगदान दिया है। चांदी की उद्योगों में बढ़ती मांग, ग्रीन एनर्जी पहल और बाजार घाटे के कारण चांदी में भी तेजी देखी गई है।"
सोने की चमक शेयर बाजार से ज्यादा क्यों है?
पेस 360 के सह-संस्थापक और मुख्य वैश्विक रणनीतिकार अमित गोयल ने कहा, "भारतीय शेयर बाजार 2023 के अक्टूबर के अंत से पूरी तरह से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है और 2024 में अब तक अपनी रफ्तार जारी रखी है। हालांकि, यह निफ्टी और सेंसेक्स नहीं है, जिसने सबसे अधिक घरेलू या वैश्विक निवेश आकर्षित किया है। यह निफ्टी नेक्स्ट 50 है, जिसने हर किसी का ध्यान और पैसा खींचा है और 19% तक बढ़ गया है। इसने इस साल आसानी से कीमती धातुओं को पछाड़ दिया है।"
पेस 360 के गोयल ने कहा, "मार्च और दिसंबर 23 के बीच सोना और चांदी पूरी तरह से साइड लाइन थे। इसके अलावा, दोनों के पास निवेशकों के पास बड़े पैमाने पर होल्डिंग थी। जैसा कि इस तथ्य से पता चलता है कि गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स हाल ही में अपने 4 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। दूसरी ओर, पिछले 4 वर्षों की शानदार तेजी के कारण निवेशकों के पोर्टफोलियो में इक्विटी का वजन काफी अधिक है, उपरोक्त कारकों ने कीमती धातुओं में उछाल में योगदान दिया है और वे निफ्टी और सेंसेक्स से बड़े अंतर से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।''
शेयर मार्केट के उछलने की वजह
पीएचडीसीसीआई में कैपिटल मार्केट और कमोडिटी मार्केट कमेटी के चेयरमैन बीके सभरवाल ने कहा, “निफ्टी 50 और सेंसेक्स अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच गए हैं, जो मजबूत निवेशक भावना और भारत की आर्थिक संभावनाओं में विश्वास को दर्शाता है। हालांकि, इस उछाल के बीच सोना और चांदी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले के रूप में उभरे हैं, जो साल-दर-साल (YTD) प्रदर्शन में शेयर बाजार के रिटर्न से बेहतर रहे हैं।"
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