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रिटेल निवेशकों के लिए SEBI का बड़ा प्लान, एल्गो ट्रेडिंग को लेकर आया फ्रेमवर्क

  • Retail Algo Trading: सेबी ने कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये त्वरित शेयर ट्रांजैक्शन करने की पद्धति 'एल्गो ट्रेडिंग' में खुदरा निवेशकों की भागीदारी आसान बनाने के लिए एक प्रस्ताव रखा।

Deepak Kumar भाषाFri, 13 Dec 2024 08:34 PM
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Retail Algo Trading: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने खुदरा निवेशकों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू करने की तैयारी कर ली है। दरअसल, सेबी ने कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये त्वरित शेयर ट्रांजैक्शन करने की पद्धति 'एल्गो ट्रेडिंग' में खुदरा निवेशकों की भागीदारी आसान बनाने के लिए एक प्रस्ताव रखा। अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है तो पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ एल्गो का उपयोग करके डील करने की खुदरा निवेशकों की चाहत पूरी हो सकती है।

क्या है एल्गो ट्रेडिंग

बता दें कि 'एल्गो ट्रेडिंग' में पूर्व-निर्धारित मानदंडों के आधार पर उच्च रफ्तार और मात्रा में सौदों को पूरा करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एल्गो ट्रेडिंग की शुरुआत की थी। इससे डील्स को तेजी से पूरा करने, लेनदेन की लागत में कटौती, अधिक पारदर्शिता, बेहतर ऑडिट और बेहतर लिक्विडिटी में मदद मिली। हालांकि, इन सुविधाओं तक पहुंच सिर्फ संस्थागत निवेशकों को ही है। खुदरा निवेशक भी एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग करते रहे हैं।

क्या है सेबी का प्रस्ताव

सेबी ने एडवाइजरी में खुदरा निवेशकों के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपायों के साथ मौजूदा विनियामक ढांचे का विस्तार करने का प्रस्ताव रखा। सेबी ने कहा कि एल्गो ट्रेडिंग के बारे में खुदरा निवेशकों की बढ़ती मांग के साथ नियामकीय ढांचे की समीक्षा और संशोधन की जरूरत है। इस संबंध में बाजार नियामक ने निवेशकों, शेयर ब्रोकर, एल्गो प्रोवाइडर्स/ सेलर्स, बाजार अवसंरचना संस्थानों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने का प्रस्ताव रखा है।

कौन होगा जिम्मेदार

सेबी ने कहा कि शेयर ब्रोकर द्वारा हरेक एल्गो के लिए शेयर बाजार से अपेक्षित अनुमति मिलने के बाद ही एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा ऑडिट ट्रेल स्थापित करने के लिए सभी एल्गो ऑर्डर को शेयर बाजार द्वारा दिए गए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के साथ संबद्ध किया जाएगा। सेबी के मुताबिक, शेयर बाजारों को एल्गो ट्रेडिंग की निगरानी के लिए जिम्मेदार होना चाहिए और यह जांच करनी चाहिए कि ब्रोकर्स के पास एल्गो और नॉन-एल्गो ऑर्डर के बीच अंतर करने की क्षमता है या नहीं।

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