इंफोसिस में इनसाइडर ट्रेडिंग कर रहे थे 2 निवेशक, सेबी ने लगाया प्रतिबंध
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का आरोप है कि इन दोनों ने आईटी कंपनी इंफोसिस में इनसाइडर ट्रेडिंग की और इस वजह से 2.6 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। अब सेबी ने इस रकम की वसूली का निर्देश दिया है।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में दो निवेशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। नियामक का आरोप है कि इन दोनों ने आईटी कंपनी इंफोसिस में इनसाइडर ट्रेडिंग की और इस वजह से 2.6 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। अब सेबी ने इस रकम की वसूली का निर्देश दिया है।
ये दोनों व्यक्ति केयूर मनियार और रमित चौधरी हैं, जिन पर 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सेबी के 93 पेज के आदेश में कहा गया है कि मनियार से 2.6 करोड़ रुपये लिए जाएंगे। सेबी की निगरानी प्रणाली ने शेयर में संभावित इनसाइडर ट्रेडिंग का संकेत देते हुए अलर्ट जारी किया था।
सेबी ने की थी जांच
इन अलर्ट के आधार पर सेबी ने इंफोसिस के शेयर में एक प्रारंभिक जांच की। जांच के बाद सेबी ने 27 सितंबर, 2021 को कथित उल्लंघन के लिए मनियार और चौधरी के खिलाफ अंतरिम एकपक्षीय आदेश पारित किया। सेबी के आदेश को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (SAT) में चुनौती दी गई, जिसने 30 मार्च, 2022 को अंतरिम आदेश में दिए गए निर्देशों को रद्द कर दिया।
सीईओ ने किया था सैटलमेंट
पिछले साल इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख ने भी बाजार नियामक सेबी को 25 लाख रुपये का भुगतान कर इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के कथित उल्लंघन के मामले का निपटान किया था। सेबी के अनुसार पारेख कथित तौर पर भेदिया कारोबार को रोकने के लिए अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु आंतरिक नियंत्रण की ‘पर्याप्त और प्रभावी प्रणाली’ स्थापित नहीं कर सके।
यह मामला इंफोसिस के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग के कथित मामले में 29 जून, 2020 से 27 सितंबर, 2021 के बीच सेबी की जांच से सामने आया। जांच में पाया गया कि कुछ ‘अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना’ (यूपीएसआई) जानकारी को इंफोसिस ने ऐसा नहीं माना था।
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