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सेबी ने बाजार में लिस्टेड कंपनी को किया बैन, शेयर क्रैश, पिछले साल आया था IPO

  • मंगलवार के कारोबार में कालाहरिधान ट्रेंडज के शेयर क्रैश हो गए। इस शेयर में 5% का लोअर सर्किट लगा और भाव 19 रुपये पर आ गया। बता दें कि टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की यह कंपनी 23 फरवरी, 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 11 Feb 2025 10:02 AM
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सेबी ने बाजार में लिस्टेड कंपनी को किया बैन, शेयर क्रैश, पिछले साल आया था IPO

Kalahridhaan Trendz Ltd share: पिछले साल एनएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड कंपनी कालाहरिधान ट्रेंडज (Kalahridhaan Trendz) को सेबी ने अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया है। कंपनी के निदेशकों पर भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है। इस एक्शन के बाद मंगलवार के कारोबार में कालाहरिधान ट्रेंडज के शेयर क्रैश हो गए। इस शेयर में 5% का लोअर सर्किट लगा और भाव 19 रुपये पर आ गया। बता दें कि टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरिंग की यह कंपनी 23 फरवरी, 2024 को शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी।

सेबी ने क्यों की कार्रवाई

सेबी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक प्रथम दृष्टया निष्कर्षों से पता चला है कि कंपनी अपने बकाया भुगतान में चूक के संबंध में जानकारी नहीं दी। इसके अलावा झूठी और भ्रामक कॉर्पोरेट घोषणाएं की गई। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने कहा कि झूठी और भ्रामक कॉर्पोरेट घोषणाओं ने शेयर की कीमत और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर सकारात्मक प्रभाव डाला। ऐसा प्रतीत होता है कि कंपनी ने संभावनाओं की एक अच्छी तस्वीर पेश करने और निवेशकों को कंपनी के शेयरों में ट्रेड करने के लिए प्रेरित करने के लिए उक्त कॉर्पोरेट घोषणाएं की थीं। इस तरह से कार्य करके कंपनी ने सिक्योरिटी मार्केट में धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त रही है।

शेयर बेचकर निकल सकते हैं प्रमोटर

उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है क्योंकि प्रमोटरों के लिए एक साल का लॉक-इन 23 फरवरी, 2025 के आसपास समाप्त हो जाएगा। सेबी के मुताबिक लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद प्रमोटर अपने शेयर बेचना शुरू कर सकते हैं और कंपनी से बाहर निकल सकते हैं। इससे भोले-भाले निवेशक अधर में रह जाएंगे। बता दें कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कंपनी के प्रबंध निदेशक निरंजन डी अग्रवाल, पूर्णकालिक निदेशक आदित्य अग्रवाल और गैर-कार्यकारी निदेशक सुनीतादेवी निरंजन अग्रवाल पर रोक लगाई है।

राइट्स इश्यू पर भी सवाल

इसके साथ ही कंपनी ने राइट्स इश्यू के जरिए एक और फंड जुटाने की भी मंजूरी दे दी है। भाटिया ने कहा कि एक जोखिम है कि यदि आगे फंड जुटाना नहीं रोका गया तो निवेशक कंपनी में और निवेश करने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं और लंबे समय में नुकसान उठा सकते हैं।

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