चुनावी माहौल में मामूली राहत, अप्रैल में 4.83 फीसदी की दर से बढ़ी खुदरा महंगाई
- Retail Inflation: चुनावी माहौल में महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर है। रिटेल महंगाई दर में अप्रैल में मामूली गिरावट आई है।
Retail Inflation: चुनावी माहौल में महंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर है। रिटेल महंगाई दर में अप्रैल में मामूली गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक,रसोई में इस्तेमाल होने वाली कई वस्तुओं के दाम घटने से अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति मामूली घटकर 4.83 प्रतिशत पर आ गई। यह मार्च में 4.85 प्रतिशत के स्तर पर थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति मामूली बढ़ोतरी के साथ 8.70 प्रतिशत रही। एक महीने पहले मार्च में यह 8.52 प्रतिशत के स्तर पर थी।
क्या है डिटेल
सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य भारतीय रिजर्व बैंक को दिया हुआ है। केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरें निर्धारित करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है। रिजर्व बैंक का कहना है कि आगे चलकर खाद्य वस्तुओं के दाम मुद्रास्फीति के रुख को प्रभावित करते रहेंगे।
महंगाई कंट्रोल पर RBI का फोकस
बता दें कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि मुद्रास्फीति के मोर्चे पर मिली सफलता को टिकाऊ बनाने की जरूरत है। दास ने अप्रैल महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा था। मुद्रास्फीति पर चिंताओं के बीच रेपो दर फरवरी 2023 से इसी स्तर पर बनी हुई है।
दास ने कहा था, ''मुद्रास्फीति को कम करने के लिए पिछले दो वर्षों में जो लाभ हुआ है, उसे बरकरार रखना होगा। टिकाऊ आधार पर सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य तक लाने के लिए काम करना होगा।'' एमपीसी के छह सदस्यों में पांच ने नीतिगत दर में यथास्थिति के पक्ष में मतदान किया था।
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