Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Relief from inflation now its EMIs turn will RBI cut the repo rate

महंगाई से मिली राहत, अब EMI की बारी, क्या रेपो रेट में कटौती करेगा आरबीआई

  • दिसंबर में ग्रामीण महंगाई दर 5.76 फीसदी रही, जो नवंबर में 9.10 फीसदी थी। शहरी महंगाई दर भी घटकर 4.58 फीसदी पर आ गई, जो पिछले महीने 8.74 फीसदी थी। खुदरा महंगाई घटने से आरबीआई फरवरी में होने वाले मौद्रिक पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमTue, 14 Jan 2025 07:53 AM
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खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 फीसद पर आ गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में 5.48 फीसद और दिसंबर, 2023 में 5.69 फीसद रही थी। खुदरा महंगाई घटने से आरबीआई फरवरी में होने वाले मौद्रिक पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 8.39 फीसद रह गई। नवंबर में यह 9.04 फीसद और दिसंबर, 2023 में 9.53 फीसद थी।

भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 फीसद से बढ़ाकर 4.8 फीसद कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने खाद्य कीमतों पर दबाव के कारण अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में कुल मुद्रास्फीति के उच्चस्तर पर बने रहने की भी आशंका जताई थी।

रॉयटर्स के एक सर्वे में अनुमान लगाया गया था कि दिसंबर में भारत की महंगाई दर गिरकर 5.3 फीसदी हो सकती है। हालांकि कीमतों में बढ़ोतरी में मामूली कमी आई है, लेकिन रॉयटर्स के एक अलग सर्वेक्षण से पता चला है कि म​हंगाई कम से कम 2026 की दूसरी छमाही तक केंद्रीय बैंक के चार फीसदी तक आने की कोई उम्मीद नहीं है।

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और नरमी की उम्मीद जगी

खाद्य कीमतों ने हाल के महीनों में महंगाई को ऊंचा रखा है, जिसकी प्रमुख वजह सब्जियों की कीमतें थीं। हालांकि, अनुकूल मानसून से गर्मियों की फसल की बंपर पैदावार के कारण उनमें राहत आनी शुरू हो गई है, जिससे आने वाले महीनों में और नरमी की उम्मीद जगी है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य आर्थिक सलाहकार कनिका पसरीचा के अनुसार महंगाई में नरमी की धीमी गति की प्रमुख वजह अक्टूबर में बेमौसम बारिश के कारण सब्जियों की कीमतों में देरी से सुधार और दिसंबर में कुछ ठंडक की वजह से खाद्य तेल और अनाज जैसे अन्य खाने पीने के सामान की कीमतों में देखी गई तेजी है।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मिली राहत

दिसंबर में ग्रामीण महंगाई दर 5.76 फीसदी रही, जो नवंबर में 9.10 फीसदी थी। शहरी महंगाई दर भी घटकर 4.58 फीसदी पर आ गई, जो पिछले महीने 8.74 फीसदी थी। इस दौरान सब्जियों की कीमतों में 26.56 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो नवंबर में 29.33 फीसदी और अक्तूबर में 42.18 फीसदी थी। हालांकि, अनाज की महंगाई दर दिसंबर में 9.67 फीसदी हो गई, जो नवंबर में 6.88 फीसदी थी। दालों की महंगाई दर 5.41 फीसदी से घटकर 3.83 फीसदी पर आ गई।

फरवरी में कम हो सकती है ब्याज दर

खुदरा महंगाई घटने से आरबीआई फरवरी में होने वाले मौद्रिक पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है। लंबे समय से रेपो रेट में कटौती की मांग हो रही है। हालांकि, महंगाई अधिक होने के चलते यह फैसला अटका हुआ है।

अब उम्मीद है कि फरवरी में लोन सस्ता हो सकता है। दास की जगह लेने के लिए संजय मल्होत्रा ​​को आरबीआई गवर्नर नियुक्त किए जाने से पहले पिछले महीने रॉयटर्स के सर्वे में अधिकांश अर्थशास्त्रियों ने कहा था कि केंद्रीय बैंक 5-7 फरवरी की पॉलिसी मीटिंग में अपनी प्रमुख ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर 6.25 फीसदी कर देगा।

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