20000 होमबायर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, इस रियल एस्टेट कंपनी को मिल गया खरीदार
- 20,000 से अधिक मकान खरीदारों के लिए राहत भरी खबर है। जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी सुरक्षा ग्रुप ने कर्ज में फंसी जेपी इन्फ्रोटेक का अधिग्रहण कर लिया है।
20,000 से अधिक मकान खरीदारों के लिए राहत भरी खबर है। जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी सुरक्षा ग्रुप ने कर्ज में फंसी जेपी इन्फ्रोटेक का अधिग्रहण कर लिया है। कंपनी ने तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन किया है और वह अटकी पड़ी आवासीय परियोजना के निर्माण के लिए जल्दी ही 125 करोड़ रुपये की इक्विटी फंड डालेगी। बता दें कि यह ऐलान एनसीएलएटी के 24 मई के फैसले के बाद हुआ है। फैसले में जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण के लिए सुरक्षा रियल्टी की बोली को बरकरार रखा गया था। साथ ही कंपनी को किसानों के मुआवजे के रूप में अतिरिक्त 1,334 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
शेयर बाजार को दी गई जानकारी
जेपी इन्फ्राटेक ने बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि सुरक्षा ने आईएमसी (क्रियान्वयन और निगरानी समिति) को सूचित किया कि 24 मई, 2024, यानी अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश की तारीख को ‘अनुमोदन तिथि’ के रूप में माना जाना चाहिए। इसके बारे में मंजूरी प्राप्त समाधान योजना में जिक्र है। क्रियान्वयन और निगरानी समिति ने मंगलवार को हुई अपनी बैठक में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में सुधीर वी वालिया की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
क्या है डिटेल
समिति ने कार्यकारी निदेशक के रूप में आलोक चंपक दवे और स्वतंत्र निदेशक के रूप में उषा अनिल कदम की नियुक्ति को भी मंजूरी दी। सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा ग्रुप 15 जून तक जेपी इन्फ्राटेक में 125 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी लगाएगी और जल्द ही निर्माण प्रक्रिया शुरू करेगी। यह तय योजना के मुताबिक यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) को भुगतान करना भी शुरू कर देगी।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के सात मार्च, 2023 के फैसले को बरकरार रखते हुए अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने 24 मई को कहा था कि समाधान योजना के लागू करने में किसी भी देरी से बचने और घर खरीदारों तथा किसानों के अतिरिक्त मुआवजे के लिए यीडा समेत सभी संबंधित पक्षों के हितों का ध्यान रखने के लिए यह निर्णय लिया गया।
एनसीएलटी ने पिछले साल दी थी मंजूरी
आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व वाले समूह के एक आवेदन पर जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के खिलाफ कॉरपोरेट ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) अगस्त, 2017 में शुरू की गई थी। एनसीएलटी ने पिछले साल सात मार्च को जेआईएल को खरीदने के लिए मुंबई स्थित सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण सहित कई पक्षों ने एनसीएलटी के आदेश को चुनौती देने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण में याचिका दायर की थी।
अपीलीय न्यायाधिकरण अपने 99 पृष्ठ के आदेश में कहा था, “जहां तक अपीलकर्ता (यीडा) के 1,689 करोड़ रुपये के अतिरिक्त किसान मुआवजे के दावे से जुड़ा मामला है, एनसीएलटी के आदेश को खारिज किया जाता है और समाधान योजना को मंजूरी देने वाला शेष आदेश बरकरार रखा जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सफल समाधान आवेदक (सुरक्षा ग्रुप) को अपने सुरक्षित परिचालन ऋण के अपीलकर्ता को 79 प्रतिशत के अनुपात में 1,689 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है। यह अन्य सुरक्षित कर्जदाताओं को भुगतान किया गया है। यह राशि 1,334.31 करोड़ रुपये बनती है।’’
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