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प्राइवेट कंपनियां ₹5 तक सस्ता बेच रहीं पेट्रोल-डीजल, सरकारी बटोर रहीं मुनाफा

  • जियो-बीपी और नयारा ने कुछ क्षेत्रों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पांच रुपये तक की कटौती की है। खुदरा कीमतों में कटौती के अलावा, प्राइवेट कंपनियां पेट्रोल और डीजल की थोक खरीद पर छूट भी दे रही हैं

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानThu, 30 Jan 2025 05:54 AM
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प्राइवेट कंपनियां ₹5 तक सस्ता बेच रहीं पेट्रोल-डीजल, सरकारी बटोर रहीं मुनाफा

Petrol Diesel Price: निजी ईंधन खुदरा विक्रेता पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती कर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बाजार हिस्से में सेंध लगा रहे हैं। जियो-बीपी और नयारा जैसी निजी कंपनियां सस्ते रूसी कच्चे तेल का लाभ अपने ग्राहकों को दे रही हैं। जबकि सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनियों ने मार्च 2024 से ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।

गौरतलब है कि निजी ईंधन खुदरा बिक्री के 97% हिस्से को नियंत्रित करने वाली जियो-बीपी और नयारा ने कुछ क्षेत्रों में कीमतों में पांच रुपये तक की कटौती की है। खुदरा कीमतों में कटौती के अलावा, प्राइवेट कंपनियां पेट्रोल और डीजल की थोक खरीद पर छूट भी दे रही हैं।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के पंप चलाने वाले डीलरों ने कहा कि निजी रिफाइनर द्वारा दी जाने वाली छूट ने सरकारी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी को कम कर दिया है। निजी कंपनियां कई छोटे शहरों में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रही हैं।

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ऑफर कुछ पॉकेट और रिटेल आउटलेट तक ही सीमित

दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया ने कहा, सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश हैं। जियो-बीपी ने हैप्पी आवर स्कीम के साथ शुरुआत की, जहां इसने एक निश्चित समय अवधि के दौरान 3 रुपये प्रति लीटर तक की छूट प्रदान की, इसके बाद नायरा ने भी इसी तरह की पेशकश की। हालांकि, यह कुछ पॉकेट और रिटेल आउटलेट तक ही सीमित है।

इसलिए, औसतन, उनकी रिटेल चेन में छूट एक से दो रुपये प्रति लीटर के आसपास हो सकती है। जियो-बीपी ने अक्तूबर में पेट्रोल पर 3 रुपये प्रति लीटर की छूट के साथ कीमतों में कटौती की शुरुआत की थी। अब नायरा भी इसमें शामिल हो गई है। सोमवार को रूसी तेल प्रमुख रोसनेफ्ट के आंशिक स्वामित्व वाली कंपनी नायरा एनर्जी ने 5 रुपये प्रति लीटर तक की छूट की घोषणा की है।

रिकॉर्ड मुनाफा कमा रहीं सरकारी कंपनियां

जानकारों का कहना है कि सरकारी रिफाइनर बाजार पर हावी हैं, इसलिए उन्हें अपने वित्तीय परिणामों पर तत्काल प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं, अगर निजी खिलाड़ी आक्रामक विस्तार योजनाओं के साथ आगे बढ़ते हैं, तो सरकारी खिलाड़ियों पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब वे कम लागत वाले रूसी तेल और स्थिर खुदरा कीमतों के कारण पिछले दो वर्षों में रिकॉर्ड मुनाफा कमा रहे हैं।

बाजार पर सरकारी कंपनियां हावी

भारत में 90,000 से अधिक पेट्रोल पंप हैं और मार्केट में सबसे ज्यादा हिस्सा सरकारी की कंपनियों का है। प्राइवेट कंपनियों में सबसे बड़ा रिटेल नेटवर्क नायरा के पास है, जिसके पास करीब 6,500 पंप हैं और इस साल 400 और पंप जोड़ने की योजना है। भारत में तीन प्रमुख निजी रिफाइनर हैं- नायरा, जियो-बीपी और शेल।

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