18 साल पुरानी कंपनी, 54 लाख फ्रेश शेयर, IPO के लिए सेबी की हरी झंडी का इंतजार
कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर रही है, जो संभावित रूप से इश्यू के साइज को 20% तक कम कर सकता है। आईपीओ का मकसद कुछ उधारों के री-पेमेंट या पूर्व-भुगतान के लिए फंड जुटाना है।

Priority Jewels IPO: आईपीओ मार्केट में एक और ज्वेलरी कंपनी की एंट्री होने वाली है। दरअसल, मुंबई की ज्वेलरी कंपनी प्रायोरिटी ज्वेल्स ने आईपीओ के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है। इस इश्यू में ₹10 के फ्रेश इश्यू पर 54,00,000 इक्विटी शेयरों का एक नया इश्यू शामिल है। कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट पर विचार कर रही है, जो संभावित रूप से इश्यू के साइज को 20% तक कम कर सकता है।
क्या है कंपनी का प्लान
आईपीओ का मकसद कुछ उधारों के री-पेमेंट या पूर्व-भुगतान के लिए फंड जुटाना है। शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। आपको बता दें कि मेफकॉम कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड को एकमात्र बुक-रनिंग लीड मैनेजर के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड रजिस्ट्रार के रूप में काम कर रहा है। आईपीओ योग्य संस्थागत खरीदारों के लिए 50% से अधिक का आवंटन नहीं होगा, और गैर-संस्थागत और खुदरा निवेशकों के लिए क्रमशः कम से कम 15% और 35% होगा। प्रायोरिटी ज्वेल्स के इक्विटी शेयरों को एनएसई और बीएसई, दोनों में सूचीबद्ध किए जाने की उम्मीद है।
कंपनी के बारे में
साल 2007 में वजूद में आई कंपनी- प्रायोरिटी ज्वेल्स, हल्के, किफायती हीरे जड़े सोने और प्लेटिनम के आभूषणों में विशेषज्ञता रखती है। आभूषण उद्योग में 15 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ प्रायोरिटी ज्वेल्स के पास एक बड़ा पोर्टफोलियो है। कंपनी कैरेटलेन, कल्याण ज्वेलर्स, रिलायंस रिटेल, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स, त्रिभुवनदास भीमजी जावेरी और सेनको गोल्ड जैसी प्रमुख आभूषण श्रृंखलाओं को आपूर्ति करती है।
यह कंपनी भारत में दो मैन्युफैक्चरिंग फैसलिटीज संचालित करती है। कंपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय, दोनों बाजारों की सेवा करती हैं। दिसंबर 2024 तक, प्रायोरिटी ज्वेल्स के पास 200 से ज्यादा ग्राहक थे, जो मुख्य रूप से भारत में थे। इसकी 13 देशों में अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति थी, जिसमें यूएसए, यूएई, हांगकांग और नॉर्वे शामिल हैं।