Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Price of pulses like arhar lentis increases tension amid elections, preparation for action against hoarders

इलेक्शन के बीच दालों के भाव ने बढ़ाई टेंशन, जमाखोरी करने वालों पर कार्रवाई की तैयारी

  • मोदी सरकार अरहर और उड़द की जमाखोरी करने वाले व्यापारियों और बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई की तैयारी में है। मार्च में दालों की खुदरा मुद्रास्फीति 17.7% थी, जो एक साल पहले 4.4% थी।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानMon, 29 April 2024 05:19 AM
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 आम चुनावों के बीच दालों की बढ़ती कीमतों से चिंतित केंद्र सरकार दालों, खासकर अरहर और उड़द की जमाखोरी करने वाले व्यापारियों और बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई की तैयारी में है। इन दोनों दालों के स्टॉक के खुलासे के संबंध में जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम विभिन्न राज्यों में भेजी जाएगी। मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

इन अधिकारियों के मुताबिक बीते दिनों सरकार ने कारोबारियों, गोदाम संचालकों, मिल मालिकों और आयातकों को दालों का स्टॉक घोषित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने धीरे-धीरे अपने दालों के स्टॉक की स्थिति घोषित करना शुरू कर दिया है। अब तक 3 से 4 मिलियन टन स्टॉक घोषित किया गया है। इसे बाजार में आना चाहिए था, लेकिन इसका असर बाजार में नहीं दिख रहा है। इसलिए सरकार इस पूरे मामले की जांच करने जा रही है।

सात राज्यों में होगा दौरा

अधिकारियों ने कहा कि हमें लगता है कि व्यापारिक संस्थाएं दालों की जमाखोरी कर रही हैं। जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए अधिकारी देशभर के गोदामों, मिलों और मंडियों का दौरा करेंगे। पहले दौर में इस सप्ताह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित पांच से सात राज्यों का दौरा करने की योजना बनाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह कदम सभी दालों के लिए है। हम विशेष रूप से अरहर, उड़द, पीली मटर और चना पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

इसलिए उठाना पड़ा कदम

अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने पिछले दिसंबर से इस साल जून तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी। सरकार का यह प्रयार घरेलू बाजार में अरहर और उड़द की कमी के बीच दालों की सप्लाई बढ़ाने और कीमतों को स्थिर करने के अनुरूप था, लेकिन पीली मटर के आयात के साथ-साथ अरहर और उड़द के अलावा चने की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं, इसका कारण हम समझ नहीं पा रहे हैं। पीली मटर के आयात का असर चने की कीमतों पर दिखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

दालों का उत्पादन घटा

कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, चना फसल का उत्पादन 12.1 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के उत्पादन से थोड़ा कम है। चालू सीजन के लिए अरहर का अनुमान अक्टूबर के 3.42 मिलियन टन के अनुमान से घटाकर 3.33 मिलियन टन कर दिया गया है, लेकिन यह पिछले वर्ष के उत्पादन के बराबर है। वहीं, उड़द के मामले में, (खरीफ) उत्पादन पिछले सीज़न के 1.8 मिलियन टन के मुकाबले 1.5 मिलियन टन होने का अनुमान है।

दालों ही महंगाई दर ऊंची

विशेषज्ञों के मुताबिक, हालांकि मार्च में दालों की मुद्रास्फीति कुछ हद तक कम हुई, लेकिन साल-दर-साल यह काफी ऊंची बनी रही। मार्च में दालों की खुदरा मुद्रास्फीति 17.7% थी, जो एक महीने पहले 18.9% और एक साल पहले 4.4% थी।

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