एफडी की अधिकतम अवधि को 20 वर्ष करने का प्लान, सिस्टमैटिक विड्रॉल की सुविधा भी होगी
- FD: यह जीवन बीमा कंपनियों द्वारा दी जाने वाली वार्षिकी योजना के समान, लेकिन सीमित अवधि के लिए होगी। निवेशकों को 10 साल के बाद इस एफडी से धीरे-धीरे अपना पैसा निकालने की इजाजत होगी।
ज्यादातर बैंक अभी सात दिन से लेकर 10 साल तक की सावधि जमा यानी एफडी करने की अनुमति देते हैं। निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार अवधि का चयन करते हैं, लेकिन सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एफडी की समयसीमा 20 साल करने की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ने एफडी की अधिकतम अवधि को 20 वर्ष करने की योजना बनाई है। जानकारी के अनुसार, 20 साल की एफडी में निवेशकों को सिस्टमैटिक विड्रॉल यानी व्यवस्थित निकासी का विकल्प भी दिया जाएगा।
यह जीवन बीमा कंपनियों द्वारा दी जाने वाली वार्षिकी योजना के समान, लेकिन सीमित अवधि के लिए होगी। निवेशकों को 10 साल के बाद इस एफडी से धीरे-धीरे अपना पैसा निकालने की इजाजत होगी।
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है
फिक्स्ड डिपॉजिट निश्चित आय और कैपिटल प्रोटेक्शन प्रदान करता है, यही वजह है कि यह इन्वेस्टमेंट का लोकप्रिय विकल्प बन चुका है। इसके अलावा एफडी पैसों की अल्पकालिक जरूरतों को पूरा करने में भी हेल्प करता है। यह इमरजेंसी और रिटायरमेंट के बाद आय का एक मुख्य स्त्रोत बनता है। शेड्यूल बैंकों की एफडी ब्याज दरें आम नागरिकों के लिए सालाना 2.50% से 9.00% प्रति वर्ष तक होती हैं, जिसकी अवधि 7 दिन से 10 साल तक है।
एमटीएनएल के खातों पर बैंक ने रोक लगाई
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने बकाया भुगतान न करने पर कर्ज में डूबी सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल के सभी खातों पर रोक लगा दी है। एमटीएनएल ने 422.05 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज भुगतान में चूक की है। सरकारी दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल ने बैंकों से 5,573.52 करोड़ रुपये और वित्तीय संस्थानों से कुल 7,873.52 करोड़ रुपये उधार लिए हैं और कंपनी का कुल ऋण 31,944.51 करोड़ रुपये है।
यूपीआई और रुपे को ग्लोबल बनाने के हो रहे प्रयास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बुधवार को कहा कि यूपीआई और रुपे को सही मायने में वैश्विक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस दिशा में भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), मॉरीशस, नामीबिया, पेरू, फ्रांस और कुछ अन्य देशों के साथ यूपीआई नेटवर्क के जरिये रुपे कार्ड और भुगतान स्वीकार करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
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