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Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Personal Statement from Sameer Nigam CEO and Founder of PhonePe check details

जॉब रिजेर्वेशन विवाद में बैकफुट पर फोनपे के मालिक, बिना शर्त मांगी माफी

  • कर्नाटक में अटके पड़े नौकरी आरक्षण विधेयक पर अपनी टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बीच फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी फोनपे के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और फाउंडर समीर निगम ने रविवार को बिना शर्त माफी मांगी।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानSun, 21 July 2024 05:01 PM
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कर्नाटक में अटके पड़े नौकरी आरक्षण विधेयक पर अपनी टिप्पणी को लेकर मचे बवाल के बीच फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी फोनपे के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और फाउंडर समीर निगम ने रविवार को बिना शर्त माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका कभी भी राज्य और उसके लोगों का अपमान करने का इरादा नहीं था। बता दें कि हाल ही में एक बयान के कारण फोनपे को सोशल मीडिया पर आलोचना और बहिष्कार का सामना करना पड़ा था। दरअसल, निगम ने कर्नाटक सरकार के नौकरियों के लिए कोटा विधेयक की आलोचना की थी। इसमें मूल रूप से प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण का प्रस्ताव था। यह प्रस्ताव फिलहाल निलंबित कर दिया गया है।

कंपनी ने क्या कहा?

रविवार को एक बयान जारी करते हुए समीर निगम ने कहा कि फोनपे का जन्म बेंगलुरु में हुआ था और टीम को ऐसे शहर में अपनी जड़ों पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है, जो अपनी ग्लोबल टेक्नोलॉजी टैलेंट और वाइब्रेंट डायवर्सिटी के लिए जाना जाता है। निगम ने कहा, “मैंने हाल ही में मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स पढ़े हैं, जिनमें मैंने पिछले सप्ताह नौकरी आरक्षण विधेयक मसौदे के बारे में कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियां की थीं। मैं सबसे पहले यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि कर्नाटक और उसके लोगों का अपमान करने का मेरा कभी इरादा नहीं था।” उन्होंने कहा, “यदि मेरी टिप्पणियों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं सचमुच खेद व्यक्त करता हूं और आपसे बिना शर्त माफी मांगता हूं।”

 

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क्या था विवादित बयान?

बता दें कि पिछले हफ्ते समीर निगम ने विवादास्पद और विधेयक पर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। कंपनी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था, “मैं 46 साल का हूं। 15 साल से ज़्यादा समय तक किसी राज्य में नहीं रहा। मेरे पिता ने भारतीय नौसेना में काम किया। पूरे देश में उनकी तैनाती हुई। उनके बच्चे कर्नाटक में नौकरी के लायक नहीं हैं? मैं कंपनियां बनाता हूं। मैंने पूरे भारत में 25,000 से ज़्यादा नौकरियां पैदा की हैं! मेरे बच्चे अपने होम टाउन में नौकरी के लायक नहीं हैं? शर्म की बात है।”

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