Oyo के आईपीओ प्लान पर तीसरी बार ब्रेक... क्यों आई ये नौबत, समझें
Oyo Ipo: हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी ओयो में जापान के निवेश फर्म सॉफ्टबैंक के पास 40% हिस्सेदारी है, जबकि कंपनी के फाउंडर रितेश अग्रवाल के पास 30% हिस्सेदारी है।

Oyo Ipo: हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी ओयो होटल्स ने अपने आईपीओ प्लान को एक बार फिर से टाल दिया है। रितेश अग्रवाल के नेतृत्व वाली होटल एग्रीगेटर ओयो इस साल के अंत में आईपीओ लॉन्च करने की योजना बना रही थी। हालांकि, कंपनी के शुरुआती निवेशक सॉफ्टबैंक की ओर से उठाए गए कुछ सवालों की वजह से योजना को टाल दिया गया है। बता दें कि जापान के निवेश फर्म सॉफ्टबैंक के पास ओयो में 40% हिस्सेदारी है, जबकि कंपनी के फाउंडर रितेश अग्रवाल के पास 30% हिस्सेदारी है।
ओयो की वित्तीय स्थिति
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईपीओ योजना पर रोक के बाद अग्रवाल को ऋण पर विस्तार दिलाने में सॉफ्टबैंक मदद कर सकता है। रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से बताया गया कि कंपनी की कमाई जब तक मजबूत नहीं हो जाती, तब तक के लिए आईपीओ को टाल दिया गया है। ईटी की एक खबर के मुताबिक ओयो के रितेश अग्रवाल ने कहा था कि कंपनी वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की 60% से अधिक राजस्व वृद्धि हासिल करने की राह पर है। अग्रवाल ने कहा था कि कंपनी को वित्त वर्ष 2026 के लिए 1100 करोड़ रुपये का कर-पश्चात लाभ और 2000 करोड़ रुपये का EBITDA मिलने की उम्मीद है। कंपनी संचालित होटलों में इन-हाउस रसोई और क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) कार्ट के साथ खाद्य और पेय व्यवसाय में प्रवेश करने की योजना बना रही है।
आईपीओ के लिए तीसरा प्रयास
बता दें कि ओयो ने साल 2021 में पहली बार आईपीओ लाने की कोशिश की थी। इस कंपनी का मूल्यांकन $12 बिलियन तक था। हालांकि, बाजार में कोविड-19 का असर दिखने के कारण कंपनी ने अपनी योजना को वापस ले लिया। इसके बाद कंपनी ने सेबी के साथ गोपनीय रूप से अपने कागजात दाखिल करके मार्च 2023 में लिस्टिंग का प्रयास किया लेकिन एक बार फिर से इंतजार करना पड़ा।