Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़No physical toll plaza on Dwarka Expressway NHAI launch this system

खत्म हो जाएगा द्वारका एक्सप्रेस-वे का इकलौता टोल प्लाजा? नितिन गडकरी का मंत्रालय बड़े बदलाव की तैयारी में

  • अभी तक आपकी गाड़ी टोल प्लाजा से गुजरती है तभी आपको टोल देना पड़ता है। आने वाले सालों में द्वारका एक्सप्रेस पर आपको फिजिकल टोल प्लाजा का सामना शायद ना करना पड़े। मंत्रालय बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है।

Tarun Pratap Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 3 Nov 2024 08:58 AM
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केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कई बार कह चुके हैं कि वो आने वाले सालों में सड़कों से टोल प्लाजा को हटा देंगे। अब इस दिशा में NHAI बड़ी पहल करने जा रहा है। द्वारका एक्सप्रेस (Dwarka Expressway) वे पर देश के पहले मल्टी लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोल कलेक्शन के लिए बैंको से आवेदन मांगे गए हैं। अगर यह प्लान सफल रहा तो द्वारका एक्सप्रेस वे पर से इकलौता टोल प्लाजा भी खत्म हो जाएगा। बैंक आपकी गाड़ी के डाटा के आधार पर पैसा काट लेगा।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

NHAI के नए टोल सिस्टम सेंसर और फील्ड उपकरण पर आधारित रहेगा। गाड़ियों के गुजरने पर वह डाटा बैंक को भेज देगा। जिसके बाद बैंक पैसे की कटौती कर लेगा। इस सिस्टम के प्रभावी होने के बाद कोई अन्य टोल आपरेटर की आवश्यकता नहीं होगी।

बैंक कैसे करेंगे काम?

डायरेक्ट टोल कलेक्शन के मामले में भारतीय बैंकों के पास कोई अनुभव नहीं है। ऐसे में NHAI की सब्सडियरी IHMCL (टोल कलेक्शन को देखने वाली NHAI की संस्था) ने सब कॉन्ट्रैक्टर को इस काम को पूरा करने की अनुमति दी है। निविदा के अनुसार सब कॉन्ट्रैक्टर के पास मल्टी लेन फ्री फ्लो आधारित टोल सिस्टम लगाने का कम से कम 200 किलोमीटर और भारत या विदेश में 10 साल का अनुभव होना चाहिए।

FastTag भी हो जाएगा खत्म?

अभी तक जो बातें सामने आई हैं उससे लगता है कि फास्टटैग जारी रहेगा। नया सिस्टम वाहन डाटाबेस से जानकारी इकट्ठा करके बैंक को भेज देगा। बैंक फास्टटैग वॉलेट से पैसा काट लेगा। अगर आप टोल का भुगतान नहीं करते हैं तो वह वाहन पोर्टल और ऐप पर दिखाता रहेगा। साथ ही एनओसी और फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए बकाया राशि का भुगतान अनिवार्य होगा।

खत्म हो जाएगा द्वारका एक्सप्रेस वे का इकलौता टोल?

28 किलोमीटर लम्बे द्वारका एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर पर एक टोल है। जब गाड़ियां इस टोल से गुजरती हैं तभी उनको टोल देना पड़ता है। लेकिन इस नए सिस्टम के प्रभावी होने के बाद स्थितियों में बदलाव आएगा। बता दें, सफल बोली लगाने वाले को 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। वहीं, उन्हें अपना सिस्टम 3 महीने के अंदर लगाना होगा।

NHAI कई और एक्सप्रेस वे पर भी मल्टी लेन फ्री फ्लो सिस्टम लगाने की तैयारी में है। संस्था का मानना है कि बैंक क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की निगरानी में होते हैं ऐसे में वहां का सिस्टम ज्यादा पारदर्शी रहेगा।

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