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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, सीईए नागेश्वरन के कार्यकाल को 2 साल के लिए बढ़ाया

  • सीईए का पदभार संभालने से पहले नागेश्वरन ने एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम किया। वह 2019 से 2021 तक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अस्थायी सदस्य भी रहे हैं।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानThu, 20 Feb 2025 07:26 PM
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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, सीईए नागेश्वरन के कार्यकाल को 2 साल के लिए बढ़ाया

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन का कार्यकाल बढ़ा दिया है। सरकार ने अनंत नागेश्वरन का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया है। इस तरह, अब वह मार्च, 2027 तक मुख्य आर्थिक सलाहकार पद पर बने रहेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अनुबंध के आधार पर नागेश्वरन के कार्यकाल को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।

2022 में संभाला था पद

अनंत नागेश्वरन ने 28 जनवरी, 2022 को मुख्य आर्थिक सलाहकार का पदभार ग्रहण किया था। सीईए का कार्यालय अलग-अलग आर्थिक नीतियों पर सरकार को सलाह देने और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले संसद में पेश की जाने वाली आर्थिक समीक्षा का मसौदा तैयार करने का काम देखता है। सीईए का पदभार संभालने से पहले नागेश्वरन ने एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम किया। वह 2019 से 2021 तक प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अस्थायी सदस्य भी रहे हैं।

वह भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है और विस्तृत लेखन करते रहे हैं। वह आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और क्रेआ यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के विजिटिंग प्रोफेसर रह चुके हैं।

अर्थव्यवस्था का हाल

नागेश्वरन का कार्यकाल विस्तार आर्थिक समीक्षा 2024-25 द्वारा अगले वित्त वर्ष के लिए 6.3-6.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाए जाने के कुछ सप्ताह बाद हुआ है। हालांकि, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नरमी के संकेत दिख रहे हैं। केंद्र सरकार के अग्रिम अनुमानों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।

आर्थिक सुस्ती के लिए बाहरी क्षेत्र को दोषी ठहराते हुए नागेश्वरन ने तब कहा था- 1980 के बाद से वैश्वीकरण का स्वर्णिम युग, जो शायद 2016 तक था, अब खत्म होने वाला है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि कुछ सकारात्मक बातें भी हो सकती हैं, जिनसे आने वाले वर्षों में अनुकूल माहौल बन सकता है।

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