6 महीने में ₹8 लाख करोड़ का कर्ज जुटाएगी केंद्र सरकार, क्या है पूरा प्लान, समझें
- केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान लॉन्ग टर्म सिक्योरिटीज के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की योजना पर काम कर रही है।

केंद्र सरकार अगले 6 महीने में 8 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान लॉन्ग टर्म सिक्योरिटीज के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की योजना पर काम कर रही है। यह राशि राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए जुटायी जाएगी।
कुल 14.82 लाख करोड़ जुटाने का प्लान
सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक 2025-26 के लिए बाजार से कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाये जाने का अनुमान है। इसमें से लंबी और निश्चित मैच्योरिटी अवधि वाली सिक्योरिटीज के माध्यम से पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये यानी 54 प्रतिशत कर्ज लेने की योजना है। इसमें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी ग्रीन बॉन्ड शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में अगले वित्त वर्ष में राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए दीर्घकालीन प्रतिभूतियां जारी कर 14.82 लाख करोड़ रुपये उधार लेने का प्रस्ताव किया है।
राजकोषीय घाटा कितना रहने का अनुमान
राजकोषीय घाटा यानी सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है। निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 2025-26 के लिए 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए, दीर्घकालीन प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार कर्ज 11.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। शेष राशि लघु बचत और अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कही थी ये बात
निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था- वित्त वर्ष 2025-26 में कर्ज के अलावा कुल प्राप्तियां और व्यय क्रमशः 34.96 लाख करोड़ रुपये और 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। शुद्ध कर प्राप्तियां 28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
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