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म्यूचुअल फंड यूनिट आवंटन के नए नियम जानें कब से होंगे लागू

सेबी ने म्यूचुअल फंड की चुनिंदा योजनाओं के लिए नया नियम बनाया है, जो एक जून 2025 से लागू होने जा रहा है। इसके तहत ओवरनाइट फंड की यूनिट खरीदने या बेचने पर उसकी नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) तय करने का समय बदल जाएगा।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमMon, 28 April 2025 06:55 AM
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म्यूचुअल फंड यूनिट आवंटन के नए नियम जानें कब से होंगे लागू

बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड की चुनिंदा योजनाओं के लिए नया नियम बनाया है, जो एक जून 2025 से लागू होने जा रहा है। इसके तहत ओवरनाइट फंड की यूनिट खरीदने या बेचने पर उसकी नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) तय करने का समय बदल जाएगा। इसका मकसद निवेशकों के जोखिम को कम करना है।

पहले म्युचुअल फंड हाउस सभी योजनाओं के लिए एक समान समयसीमा के आधार पर एनएवी आवंटित करते थे। अब सेबी ने ओवरनाइट योजनाओं की यूनिट को खरीदने-बेचने के लिए अलग-अलग समय सीमा लागू कर दी है। ओवरनाइट फंड ऐसी योजनाएं होती हैं, जो जो मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूति में में निवेश करती हैं। इसकी परिपक्वता अवधि अवधि सिर्फ एक दिन की होती है। ये फंड बेहद कम जोखिम और उच्च लिक्विडिटी के साथ आते हैं। भारत में अभी 34 ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें कुल 62,458 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।

नया समय क्या है

1. दोपहर 3 बजे से पहले आए आवेदन : पिछले कारोबारी दिन का एनएवी मिलेगा।

2. दोपहर 3 बजे के बाद आए आवेदन: अगले कारोबारी दिन का एनएवी मिलेगा।

3. ऑनलाइन आवेदन : ऑनलाइन आवेदन के लिए समय सीमा शाम 7 बजे तक होगी।

निवेशकों पर क्या असर होगा

यह नया नियम निवेशकों की रकम को और सुरक्षित करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्राहक की रकम या तो नकद में हो, फिक्स्ड डिपॉजिट में हो, या ओवरनाइट फंड में सुरक्षित रूप से निवेश हो। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव स्टॉक ब्रोकर्स को रिडेम्प्शन के आवेदनों को बेहतर तरीके से संभालने में मदद करेगा।

निवेशकों को आठ साल में बंपर रिटर्न मिला

पिछले आठ वर्षों में सूचीबद्ध 18 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में 15 ने बंपर रिटर्न दिया है। इनमें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स सबसे ऊपर है, जिसने निवेशकों को 37 गुना तक अमीर बनाया। विश्लेषण से पता चलता है कि बीमा कंपनियों को छोड़कर, मई 2017 से सूचीबद्ध सभी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) ने निवेशकों को सकारात्मक प्रतिफल दिया।

इनमें विशेष रूप से पोत परिवहन और रेल क्षेत्रों की कंपनियां सबसे आगे रहीं। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने आईपीओ निवेशकों को 1,000 प्रतिशत से अधिक का प्रतिफल दिया।

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