इजरायल और ईरान में जंग के बीच रॉकेट बने भारत के डिफेंस शेयर, खरीदने की मची लूट
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब एक बार फिर भारतीय डिफेंस सेक्टर के शेयर फोकस में हैं। डिफेंस कंपनी के शेयरों में आज मंगलवार को तेजी हैं। डिफेंस सेक्टर में तेजी के पीछे इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष है।

Israel-Iran war: ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब एक बार फिर भारतीय डिफेंस सेक्टर के शेयर फोकस में हैं। डिफेंस कंपनी के शेयरों में आज मंगलवार को तेजी हैं। डिफेंस सेक्टर में तेजी के पीछे इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष है। दरअसल, इजरायल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष अपने पांचवें दिन में प्रवेश कर गया, जिससे भू-राजनीतिक तनाव बढ़ गया। ऐसे में वैश्विक सुरक्षा चिंताओं के बीच रक्षा खर्च और ऑर्डर प्रवाह में बढ़ोतरी की उम्मीद के चलते रक्षा शेयरों में निवेशकों की नई दिलचस्पी बढ़ी है। विश्लेषकों ने कहा कि इजरायल-ईरान संघर्ष के बढ़ने से डिफेंस इक्विपमेंट और सेवाओं की डिमांड के चलते निवेशकों ने खरीदारी बढ़ा दी है। इस दौरान निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 1.6% से अधिक चढ़ा, जो 9,000 अंक को पार कर गया।
इन शेयरों में भारी तेजी
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर इंडेक्स पर टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरे हैं। इसमें आज 5% से अधिक की तेजी दर्ज की गई है। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स के शेयरों में 4% से अधिक की उछाल आई, जबकि डेटा पैटर्न (इंडिया) के शेयरों में 3% से अधिक की बढ़त हुई। अन्य प्रमुख लाभार्थियों में भारत डायनेमिक्स, कोचीन शिपयार्ड, सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया, बीईएमएल और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) शामिल हैं, जो 1% से 2% के बीच बढ़े। इसके अलावा, जेन टेक्नोलॉजीज, मिश्रा धातु निगम और एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स के शेयरों में मामूली गिरावट आई।
ऑपरेशन सिंदूर के समय से लगातार फोकस में डिफेंस शेयर
पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों पर भारत के लक्षित सैन्य हमलों के बाद रक्षा शेयरों में पहले से ही तेजी देखी गई थी। हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम हो गया है, लेकिन लंबे समय से चल रहा रूस-यूक्रेन संघर्ष इस क्षेत्र में तेजी की भावना को बनाए रखता है। मध्य पूर्व में हुए हालिया घटनाक्रमों ने भारत के रक्षा शेयरों के लिए दृष्टिकोण को और मजबूत किया है, जिसमें निवेशक रक्षा ऑर्डर और रणनीतिक निवेश में निरंतर वृद्धि पर दांव लगा रहे हैं। हालांकि, विश्लेषकों ने रक्षा शेयरों में हाल ही में हुई तेज तेजी के बाद वैल्यूएशन संबंधी चिंताओं को बताया है।