Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Income tax refund claims stuck due to PAN Aadhaar issue what is the department doing in such cases now

पैन-आधार के पेच में इनकम टैक्स रिफंड के दावे अटके, अब ऐसे मामलों में क्या कर रहा विभाग

  • काफी रिफंड दावे पैन-आधार लिंक न होने के कारण अटके हुए हैं। ऐसे में विभाग ने इन रिफंड दावों को सत्यापन की प्रक्रिया में डाल दिया है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमTue, 20 Aug 2024 05:38 AM
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अगर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के काफी दिनों बाद भी रिफंड नहीं आया है तो आपको आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर रिफंड की स्थिति जांचनी होगी। साथ ही यह भी जांचें कि आपका पैन कार्ड आधार संख्या से लिंक है या नहीं। आयकर विभाग का कहना है कि काफी रिफंड दावे पैन-आधार लिंक न होने के कारण अटके हुए हैं। ऐसे में विभाग ने इन रिफंड दावों को सत्यापन की प्रक्रिया में डाल दिया है।

आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आयकरदाता ई-फाइलिंग पोर्टल पर सर्विस कॉलम में जाकर नाउ योर रिफंड पर क्लिक करके सारी स्थिति देख सकते हैं। अगर किसी तकनीकी कारण की वजह से रिफंड रुका हुआ है तो वो स्पष्ट तौर पर लिखा होगा। पैन को आधार से न जोड़ने और बैंक खाता अपडेट न होने जैसी कई वजहों के चलते रिफंड मिलने में देरी हो रही है। अगर पैन से आधार लिंक नहीं है तो पहले ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

रिफंड को लेकर काफी सारी शिकायतें

इस बार रिफंड को लेकर काफी लोग शिकायतें कर रहे हैं। कुछ मामलों में रिफंड जल्द मिल रहा है लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिनमें आयकर रिटर्न भरने के एक से दो महीने बाद भी रिफंड नहीं मिला है। इसको लेकर लोग सोशल मीडिया पर भी शिकायतें कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि इसके पीछे पैन कार्ड को आधार से सही समय पर न जोड़े जाना भी बड़ा कारण है। इसलिए अब रिफंड समय पर नहीं मिल पा रहा है तो लोग ऑनलाइन जाकर जुर्माना भरकर आधार को पैन से जोड़ रहे हैं।

1000 रुपये देना होगा जुर्माना

आयकर विभाग ने आधार से पैन को जोड़ने की समय-सीमा को कई बार आगे बढ़ाया था। अंतिम तिथि खत्म होने के बाद विभाग ने अब इस काम के लिए एक हजार रुपये का शुल्क तय किया है। मौजूदा समय में एक जुलाई 2017 से पहले जारी किए गए सभी पैन कार्ड को आधार से लिंक किया जाना जरूरी है। उसके बाद जारी पैन कार्ड को छूट के दायरे में रखा गया है।

रिफंड स्टेटस ऐसे जांचें

आयकर विभाग के पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाएं। यूजर आईडी (पैन संख्या) और पासवर्ड डालकर लॉग इन करें

माई अकाउंट पर क्लिक करें और रिफंड/डिमांड स्टेटस को खोलें। यहां इनकम टैक्स रिटर्न्स को चुनें।

अब रीसिप्ट नंबर पर क्लिक करें। इसके बाद एक नया पेज खुलेगा, जहां आईटीआर से जुड़ी सारी जानकारी दिख जाएंगी।

ये भी पढ़ें:रिफंड में देरी पर क्या करें? कैसे चेक करें स्टेटस? जानें लटकने की वजह

देरी होने पर क्या करें

सबसे पहले अपना ई-मेल जांचें। आयकर विभाग रिफंड या किसी तरह की कोई अतिरिक्त जानकारी अथवा नोटिस ई-मेल के जरिए भेजता है।

अगर आईटीआर स्टेटस से पता चलता है कि रिफंड दावा खारिज हो गया है तो करदाता रिफंड दोवारा जारी करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं।

अगर स्टेटस में क्लेम लंबित है तो ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी से संपर्क कर इसके शीघ्र निपटारे के लिए अनुरोध कर सकते हैं।

अगर फिर भी देरी हो तो....

1. आयकर विभाग से संपर्क करें: आप आयकर विभाग की हेल्पलाइन 1800-103-4455 पर कॉल करके या उन्हें ask@incometax.gov.in पर ईमेल करके उनसे संपर्क कर सकते हैं। वे आपके रिफंड की स्थिति के बारे में सहायता कर सकते हैं।

2. स्थानीय आयकर कार्यालय जाएं: यदि देरी जारी रहती है, तो रिफंड की स्थिति के बारे में सीधे पूछताछ करने के लिए स्थानीय आयकर कार्यालय जा सकते हैं। अपने साथ संबंधित जरूरी दस्तावेज अवश्य ले जाएं।

‘टैक्स रिफंड’ के नाम पर हो रही धोखाधड़ी

वहीं, आयकर विभाग ने करदाताओं को ‘टैक्स रिफंड’ के नाम पर हो रही धोखाधड़ी से सचेत रहने की सलाह दी है। विभाग ने सोशल मीडिया पर करदाताओं को ऐसे फर्जी कॉल, ईमेल और एसएमएस के प्रति सतर्क रहने के लिए आगाह किया है। विभाग ने कहा है कि यदि इस तरह का कोई संदेश करदाता को प्राप्त होता है तो वह पहले आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इसे सत्यापित करें।

अगर मैसेज फर्जी पाया जाता है तो उसका जवाब न दें या उन वेबसाइट पर न जाएं, जो क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक खाता विवरण और अन्य संवेदनशील जानकारी मांगी जाती है। साथ ही इस तरह का धोखाधड़ी वाला ईमेल प्राप्त होने पर इसकी सूचना आयकर विभाग को दें। ऐसे ईमेल को webmanager@incometax.gov.in और @cert-in.org.in पर आगे भेज दें।

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