Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़If this disclosure is not made in ITR by 31 December then a fine of Rs 10 lakh will have to be paid

31 दिसंबर तक अगर ITR में नहीं किया यह खुलासा तो भरना पड़ेगा 10 लाख का जुर्माना

  • जिनके पास ऐसी संपत्ति या आय है, लेकिन उन्होंने आईटीआर-1 या आईटीआर-4 दाखिल किया है, उन्हें कालाधन विरोधी कानून के तहत निर्धारित दंड और अभियोजन से बचने के लिए 31 दिसंबर तक संशोधित या विलंबित रिटर्न दाखिल करना होगा।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमMon, 25 Nov 2024 06:16 AM
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आयकर विभाग ने भारतीय नागरिकों से यह आग्रह किया है कि वे विदेशी संपत्तियों की जानकारी देने के लिए सही ITR फॉर्म दाखिल करें। अगर उन्होंने गलत फॉर्म जमा किया है तो अपने रिटर्न को संशोधित करें। संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है। विभाग ने करदाताओं को चेतावनी दी है कि अगर वे अपनी विदेशी में रखी हुई संपत्ति से अर्जित आय का आईटीआर में खुलासा नहीं करते हैं तो उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

विभाग के अनुसार, चालू आकलन वर्ष के दौरान अब तक विदेशी संपत्तियों और आय का विवरण देने वाले दो लाख आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निवासी भारतीयों को विदेशी संपत्तियों और विदेशी स्रोत आय अनुसूची को भरकर कर्मचारी शेयर विकल्पों के जरिये अपने नियोक्ताओं से मिले शेयरों और अर्जित आय के बारे में आयकर विभाग को जानकारी देनी जरूरी है।

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शुरू किया अभियान

विभाग ने हाल ही में करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में अनुसूची विदेशी संपत्ति (अनुसूची एफए) को सही ढंग से भरने और विदेशी स्रोतों (अनुसूची एफएसआई) से आय के बारे में बताने के लिए आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान शुरू किया है।

इन्हें संशोधित फॉर्म भरना होगा

सीबीडीटी में आयुक्त (जांच) शशि भूषण शुक्ला के मुताबिक, जिनके पास ऐसी संपत्ति या आय है, लेकिन उन्होंने आईटीआर-1 या आईटीआर-4 दाखिल किया है, उन्हें कालाधन विरोधी कानून के तहत निर्धारित दंड और अभियोजन से बचने के लिए 31 दिसंबर तक संशोधित या विलंबित रिटर्न दाखिल करना होगा।

कौन सा फॉर्म भरें टैक्सपेयर्स

विभाग के मुताबिक, करदाता को अनुसूची विदेशी संपत्ति (अनुसूची एफए) को सही ढंग से दर्शाने के लिए अपने टैक्स प्रोफाइल के अनुसार आईटीआर-2 अथवा आईटीआर-3 का उपयोग करना चाहिए।

विदेशी संपत्तियों में क्या-क्या शामिल

विभाग के अनुसार, सभी भारतीय निवासियों को अपनी विदेशी परिसंपत्तियों की घोषणा करना आवश्यक है। इसमें अचल संपत्ति, बैंक खाते, शेयर, डिबेंचर, बीमा पॉलिसी या कोई अन्य वित्तीय परिसंपत्तियां शामिल हो सकती हैं।

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