जेनसोल इंजीनियरिंग की 6 महीने में पूरी होगी जांच, शेयर में मचा है हाहाकार
बाजार नियामक सेबी ने पिछले हफ्ते कंपनी के प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को विभिन्न उल्लंघनों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।

चार्टर्ड अकाउंटेंट की शीर्ष इकाई आईसीएआई संकटग्रस्त जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा छह महीने में पूरी कर सकती है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बता दें कि आईसीएआई का वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दोनों कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा कर रहा है। यदि वित्तीय विवरणों में गंभीर अनियमितताएं पाई जाती हैं, तो मामले को विस्तृत जांच के लिए आईसीएआई के अनुशासन निदेशक को तथा संबंधित नियामक निकायों को भी भेजा जाएगा।
क्या है मामला
जेनसोल इंजीनियरिंग कथित रूप से फंड की हेराफेरी और कामकाज संबंधी खामियों के लिए नियामक जांच के दायरे में आ गई है। बाजार नियामक सेबी ने पिछले हफ्ते कंपनी के प्रवर्तकों अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी को विभिन्न उल्लंघनों के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
कंपनी के बारे में
आपको बता दें कि जेनसोल इंजीनियरिंग सौर परामर्श सेवाएं, इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) सेवाओं तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को लीज पर देने के व्यवसाय में शामिल है। इसे 15 अक्टूबर, 2019 को बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध किया गया था और बाद में इसे तीन जुलाई, 2023 को बीएसई और एनएसई के मुख्य बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि दर्ज की। वित्त वर्ष 2016-17 से 2023-24 के बीच कंपनी का परिचालन लाभ दो करोड़ रुपये से बढ़कर 209 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नेट प्रॉफिट दो करोड़ रुपये से बढ़कर 80 करोड़ रुपये हो गया।
शेयर का हाल
जेनसोल इंजीनियरिंग के शेयर की कीमत एक साल पहले 1,126 के उच्च स्तर से घटकर 75 रुपये प्रति शेयर पर आ गई है। बीते शुक्रवार को यह शेयर 5% टूटकर 74.20 रुपये पर आ गया था। शेयर में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के शेयरहोल्डिंग पैटर्न की बात करें तो प्रमोटर्स के पास 35.87 फीसदी हिस्सेदारी है। पब्लिक शेयरहोल्डिंग की बात करें तो 64.13 फीसदी की हिस्सेदारी है।