हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर आज शेयर मार्केट का कैसा होगा रिएक्शन?
Hindenburg New Report: सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर अमेरिकी रिसर्च कंपनी ने कई सारे आरोप लगाए हैं। वहीं, माधबी पुरी बुच और उनके पति ने आरोपों से इनकार किया है, उन्हें 'आधारहीन' और 'चरित्र हनन' का प्रयास बताया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट पर घरेलू शेयर मार्केट कैसे रिएक्ट करेगा, यह तो बाजार खुलने पर ही पता चलेगा, लेकिन एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि पिछली बार की तरह कोई निगेटिव रिएक्शन नहीं होगा। बता दें सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर अमेरिकी रिसर्च कंपनी ने कई सारे आरोप लगाए हैं। वहीं, माधबी पुरी बुच और उनके पति ने आरोपों से इनकार किया है, उन्हें 'आधारहीन' और 'चरित्र हनन' का प्रयास बताया है।
टीओआई की खबर के मुताबिक उसने जिन ट्रेडर्स, डीलर्स और फंड मैनेजर्स से बात की, वे रिपोर्ट में नामित लोगों और संस्थाओं पर उंगली उठाने की तुलना में अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर से अधिक नाराज थे। निवेश सलाहकार फर्म KRIS के निदेशक अरुण केजरीवाल ने टीओआई से कहा, "हिंडनबर्ग एक टूथलेस संस्था पाई गई है। कोई भी हिंडनबर्ग पर (अब) विश्वास नहीं करता।" केजरीवाल का यह भी मानना है कि हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय मार्केट को डिस्टर्ब करने का यह बार-बार प्रयास एक गलत मिसाल कायम कर रहा है। "अब समय आ गया है कि भारत इस मामले को IOSCO के साथ उठाए। इसके (हिंडनबर्ग) और इसके पीछे के लोगों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए।" IOSCO प्रतिभूति आयोगों का अंतर्राष्ट्रीय संगठन, वैश्विक स्तर पर प्रतिभूति बाजार नियामकों का एक संघ है।
स्मॉल कैप, मिड कैप पर पड़ सकता है असर
वहीं, चोकालिंगम, संस्थापक और अनुसंधान प्रमुख, इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड का मानना है कि हिंडनबर्ग के बयान केवल आरोप हैं। यह धारणा संचालित शेयरों को प्रभावित कर सकता है। आरोपों से न तो ग्रोथ स्टोरी पर असर पड़ता है और न ही अर्निंग पर और इसलिए वाजिब वैल्यूएशन पर ट्रेडिंग करने वाले शेयरों पर कोई असर नहीं दिख सकता है। करेक्शन के मामले में कुछ स्मॉल कैप, मिड कैप जो हाई वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं, उनमें असर दिख सकता है।
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में क्या हैं टॉप-3 आरोप
आरोप-1: 22 मार्च, 2017 को, सेबी सदस्य के रूप में बुच की नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले माधवी पुरी बुच के पति धवल बुच ने मॉरीशस फंड प्रशासक ट्राइडेंट ट्रस्ट को एक लेटर लिखा, जिसमें "अकाउंट ऑपरेट करने के लिए अधिकृत एकमात्र व्यक्ति होने के लिए कहा गया था। " रिपोर्ट का दावा है कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील नियुक्ति से पहले ग्लोबल डायनेमिक अपॉर्चुनिटीज फंड से अपनी पत्नी का नाम ट्रांसफर करने के लिए था। अप्रैल 2017 में बुच सेबी में फुल टाइम सदस्य के तौर पर शामिल हुईं।
आरोप-2: माधबी पुरी बुच की कथित तौर पर अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक अगोरा पार्टनर्स नामक सिंगापुर स्थित कंसल्टिंग फर्म में 100% हिस्सेदारी थी, उसी समय जब वह सेबी की चेयरपर्सन थीं। लेकिन उन्होंने 16 मार्च, 2022 को सेबी अध्यक्ष के रूप में अपनी नियुक्ति के दो सप्ताह बाद सभी शेयर अपने पति को ट्रांसफर कर दिए।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का दावा है कि सिंगापुर की संस्थाओं को वित्तीय विवरणों का खुलासा करने से छूट दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बुच की वर्तमान में अगोरा एडवाइजरी नामक एक भारतीय परामर्श व्यवसाय में 100% हिस्सेदारी है, जिसमें उनके पति निदेशक हैं।
आरोप-3: रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 में माधवी बुच के सेबी सदस्य के रूप में रहने के दौरान धवल बुच को ब्लैकस्टोन का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया था। ब्लैकस्टोन REITS के सबसे बड़े निवेशकों और प्रायोजकों में से एक है, जो एक परिसंपत्ति वर्ग है। ब्लैकस्टोन ने IPO के लिए SEBI अनुमोदन प्राप्त करने के लिए भारत के दूसरे और चौथे REIT माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को प्रायोजित किया।
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