बैंक कितना करते हैं परेशान, शिकायतों का आंकड़ा देख हो जाएंगे हैरान
- बैंकिंग सिस्टम में सबसे ज्यादा शिकायतें लोन से संबंधित रहती है ,लेकिन बीते वित्त वर्ष में पेंशन और पैरा बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें बढ़ी हैं, जो चिंताजनक है। बैंकों द्वारा जमा और निकासी के अतिरिक्त दी जाने वाली सेवाओं (पैरा बैंकिंग) में भी ग्राहकों को परेशान किया जा रहा है।
देशभर में बैंकिंग सिस्टम से जुड़ी कई तरह की शिकायतें बढ़ रही हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि बुजुर्गों को बैंकों में पेंशन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें एक तरफ केवाईसी अपडेट कराने से लेकर अन्य तरह की समस्याएं आ रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ बैंकों द्वारा जमा और निकासी के अतिरिक्त दी जाने वाली सेवाओं (पैरा बैंकिंग) में भी ग्राहकों को परेशान किया जा रहा है। यही कारण है कि एक वित्तीय वर्ष के दौरान पेंशन से जुड़ी शिकायतों में 39.5 फीसदी और पैरा बैंकिंग से जुड़े मामलों में 57 फीसदी से अधिक वृद्धि हुई हैं। यही नहीं, कर्ज और अग्रिम कर्ज के मामलों में भी ग्राहकों को परेशान किया जा रहा है।
हाल ही में आरबीआई द्वारा एकीकृत लोकपाल योजना के तहत वित्त वर्ष 23-24 में दर्ज और निपटाई गई शिकायतों पर आधारित रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 22-23 की तुलना में वित्त वर्ष 23-24 में लोकपाल योजना के तहत दर्ज की गई शिकायतों की संख्या में 53 हजार से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बीते वित्त वर्ष में कुल 2,99,022 शिकायतें आईं, जिसमें से 2,84,355 शिकायतों यानी 95 प्रतिशत से अधिक का निपटान कर दिया गया। जबकि वित्त वर्ष 22-23 में 2.45 लाख से अधिक शिकायतें मिली थीं, जिनमें से करीब 98 प्रतिशत को निपटाया गया था।
सरकारी बैंक में पेंशन की शिकायतें ज्यादा
आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा शिकायतें लोन से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, बैंकिंग सिस्टम में सबसे ज्यादा शिकायतें लोन से संबंधित रहती है ,लेकिन बीते वित्त वर्ष में पेंशन और पैरा बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें बढ़ी हैं जो चिंताजनक है। खास तौर पर सरकारी बैंकों से संबंधित पेंशन की शिकायतें सबसे ज्यादा प्राप्त हुई हैं। पेंशन से जुड़ी कुल 4108 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 3918 शिकायतें सरकारी बैंकों में पेंशन की थीं जबकि निजी बैंकों में 126, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से जुड़ी 26 शिकायतें प्राप्त हुईं। बाकी शिकायतें अन्य बैंकों से प्राप्त हुईं।
पैरा बैंकिंग सेवाएं देने में भी बढ़ी शिकायतें
बैंक सामान्य सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सेवाएं देने में भी आनाकानी कर रहे हैं। खास तौर पर पैरा बैंकिंग की बात करें तो कुल 4380 शिकायतें मिलीं। इसमें से 2614 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 1385 निजी, 195 पेमेंट बैंक और 83 ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों से संबंधित थीं। शेष शिकायतें अन्य बैंकों से संबंधित थीं।
क्या हैं पैरा बैंकिंग
बैंकों द्वारा दैनिक जमा व निकासी के अतिरिक्त दी जाने वाली सेवाओं को पैरा बैंकिंग सेवा के तौर पर गिना जाता है। इसमें बीमा बिजनेस, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज, पेंशन फंड प्रबंधन, म्यूचुअल फंड व्यवसाय, मनी मार्केट म्यूचुअल फंड, वेंचर कैपिटल फंड में निवेश आदि सेवाएं आती हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में बैंकिंग सिस्टम से जुड़ी शिकायतें
संबंधित शिकायतों की संख्या कुल शिकायतों का प्रतिशत बीते वित्त वर्ष से बढ़ोतरी (प्रतिशत)
कर्ज और अग्रिम 85,281 29.01 42.70
पैरा बैंकिंग 4380 1.49 57.44
पेंशन 4108 1.40 39.49
मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग 57,242 19.48 32.61
खाते खोलने 46,358 15.77 43.45
क्रेडिट कार्ड 42,329 14.40 23.95
सरकारी बैंकों में खाता खोलने और ऑपरेट करना सबसे मुश्किल
रिपोर्ट से पता चलता है कि सरकारी बैंकों में जमा खाता खोलना और उसे संचालित करने का काम सबसे मुश्किल हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार खाता खोलने और उसे संचालित करने से संबंधित 46,353 शिकायतें मिली। इसमें से 24,538 शिकायतें सरकारी बैंकों से संबंधित थीं जबकि 15,973 शिकायतें निजी क्षेत्र के बैंकों से जुड़ी हुई थीं।
पेंशनर्स के लिए हो अलग से काउंटर
बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ अश्वनी राणा कहते हैं कि बैंकों में पेंशनर्स के लिए अलग से काउंटर होना चाहिए क्योंकि अधिकांश बुजुर्ग ऑनलाइन सिस्टम नहीं चला पाते जिससे उन्हें बैंक आना पड़ता है। अब कई बार होता है कि उनका केवाईसी या फिर जीवन प्रमाणपत्र अपडेट नहीं होता, जिससे उन्हें समय पर पेंशन नहीं मिलती। बैंक भी कई बार ठीक से उन्हें जानकारी नहीं देता है। इसलिए बैंकों में पेंशन के लिए अलग से काउंटर होना चाहिए।
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