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हिंडनबर्ग रिपोर्ट में 3 लिस्टेड कंपनियों का जिक्र, रडार पर शेयर, निवेशकों का क्या होगा?

  • Hindenburg Research On Sebi: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह से जुड़े मामले में एक बार फिर नया खुलासा किया है।

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तानSun, 11 Aug 2024 06:42 AM
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Hindenburg Research On Sebi: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह से जुड़े मामले में एक बार फिर नया खुलासा किया है। इस बार हिंडनबर्ग के निशाने पर शेयर बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति हैं। इसके साथ ही हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कुछ कंपनियों का भी जिक्र किया है। ये वो कंपनियां हैं, जो शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। ऐसे में इस बात की आशंका है कि सोमवार को जब ट्रेडिंग की शुरुआत होगी तब इन शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है। इसके अलावा अडानी समूह के शेयरों में भी उतार-चढ़ाव आ सकता है।

कौन-कौन सी कंपनियां

हिंडनबर्ग की ताजा रिपोर्ट में फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनी IIFL के अलावा नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट का भी जिक्र है। ये दोनों कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। IIFL के शेयर की कीमत बीएसई इंडेक्स पर 423 रुपये है। बीते शुक्रवार को शेयर में 2 फीसदी तक की गिरावट आई। वहीं, एनएसई पर नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट के शेयर की कीमत 137 रुपये है। बीते शुक्रवार को यह शेयर करीब 5% टूटकर बंद हुआ। एक अन्य कंपनी माइंडस्पेस के शेयर की कीमत 343 रुपये है। बीते शुक्रवार को यह शेयर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।

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अडानी के शेयरों पर भी नजर

सोमवार को ट्रेडिंग के दौरान अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी नजर रहेगी। यह देखना अहम होगा कि हिंडनबर्ग के नए आरोपों को निवेशक किस नजरिए से देखते हैं। बता दें कि पिछले साल जनवरी महीने में हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयर बुरी तरह क्रैश हो गए थे।

हिंडनबर्ग के आरोप

हिंडनबर्ग ने ताजा रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति के पास कथित अडानी फंड हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी। रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने अडानी के मॉरीशस और ऑफशोर शेल संस्थाओं के कथित अघोषित जाल में आश्चर्यजनक रूप से रुचि नहीं दिखाई है। कथित तौर पर समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी अस्पष्ट ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंडों को नियंत्रित करते थे। हिंडनबर्ग का आरोप है कि इन फंडों का इस्तेमाल फंड की हेराफेरी करने और समूह के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए किया गया था। बता दें कि ऐसे फंड जो विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं, उन्हें ऑफशोर फंड कहते हैं। इन्हें विदेशी या अंतरराष्ट्रीय फंड भी कहते हैं।

IIFL का जिक्र

हिंडनबर्ग ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा- IIFL में एक प्रधान के हस्ताक्षर वाले फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत ‘वेतन’ है और दंपति की कुल संपत्ति एक करोड़ अमेरिकी डॉलर आंकी गई है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि माधवी और धवल बुच की सक्रियता के बीच ब्लैकस्टोन ने माइंडस्पेस और नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट को स्पॉन्सर किया था, जो भारत का दूसरा और चौथा REIT था। इन दोनों कंपनियों को साल 2019 और 2020 में IPO के लिए SEBI की मंजूरी मिली थी।

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