गूगल ने प्लेटफॉर्म और डिवाइस यूनिट से सैकड़ों कर्मचारियों को किया फायर
- Google Layoff: अल्फाबेट की गूगल ने गुरुवार को अपने प्लेटफॉर्म और डिवाइस यूनिट में सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया, जो Android सॉफ्टवेयर, Pixel फोन और Chrome ब्राउजर पर काम करता है।

अल्फाबेट की गूगल ने गुरुवार को अपने प्लेटफॉर्म और डिवाइस यूनिट में सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया, जो एंड्राॅयड सॉफ्टवेयर, पिक्सल फोन और क्रोम ब्राउजर पर काम करता है। यह जानकारी शुक्रवार को 'द इंफॉर्मेशन' ने स्थिति की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से दी।
गूगल के प्रवक्ता ने 'द इंफॉर्मेशन' को बताया, "पिछले साल प्लेटफॉर्म और डिवाइस टीमों के मर्जर के बाद से, हम अधिक चुस्त और प्रभावी संचालन पर केंद्रित रहे हैं। इसमें जनवरी में पेश किए गए स्वैच्छिक निकास कार्यक्रम के अलावा कुछ पदों में कटौती भी शामिल है।"
गूगल ने रॉयटर्स के सवालों का तुरंत जवाब नहीं दिया। फरवरी में, ब्लूमबर्ग ने बताया था कि गूगल ने अपने क्लाउड डिवीजन में भी कर्मचारियों में कटौती की थी, जिसका असर केवल कुछ टीमों पर हुआ। जनवरी 2023 में अल्फाबेट ने वैश्विक कार्यबल के 6% (12,000 नौकरियों) में कटौती की योजना की घोषणा की थी।
गूगल डीपमाइंड का कड़ा कदम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ तेज होने के बीच, डेमिस हसाबिस की कंपनी गूगल डीपमाइंड ने अपने UK के एम्प्लॉयी के लिए एक अनोखा नियम बनाया है। अगर कोई कर्मचारी कंपनी छोड़कर किसी कॉम्पिटिटर के पास जाना चाहता है, तो गूगल उसे 1 साल की पेड छुट्टी (गार्डन लीव) देने को तैयार है, बस वह किसी प्रतिद्वंद्वी कंपनी में काम न करे।
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल डीपमाइंड के UK एम्प्लॉयी पर नॉन-कॉम्पीट क्लॉज लागू होता है, जिसके तहत वे कंपनी छोड़ने के बाद 12 महीने तक किसी कॉम्पिटिटर के लिए काम नहीं कर सकते। अगर कोई एम्प्लॉयी किसी दूसरी AI कंपनी में जाना चाहता है, तो गूगल उसे "गार्डन लीव" पर रखता है यानी वह व्यक्ति घर बैठे सैलरी पाता है, लेकिन काम नहीं कर सकता। यह नियम एम्प्लॉयी की पोजीशन और काम की अहमियत के हिसाब से तय किया जाता है। जितना जरूरी रोल, उतना लंबा बैन।