Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Google fired 20 more employees for protesting against Israel project

गूगल ने इजरायल प्रोजेक्ट के खिलाफ धरना देने पर 20 और कर्मचारियों को निकाला

  • Google layoffs: विरोध-प्रदर्शन करने के लिए निकाले गए कर्मचारियों की कुल संख्या अब लगभग 50 हो गई है। प्रोजेक्ट निंबस इजरायल सरकार और उसकी सेना की एक क्लाउड कंप्यूटिंग परियोजना है। इजरायल ने इसके लिए गूगल के साथ 1.2 अरब डॉलर का समझौता किया है।

Drigraj Madheshia न्यूयॉर्क, एजेंसी।Wed, 24 April 2024 05:58 AM
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गूगल ने इजरायल प्रोजेक्ट निंबस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में शामिल 20 और कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। ये बर्खास्तगी 16 अप्रैल को न्यूयॉर्क और सनीवेल, कैलिफोर्निया में गूगल के दफ्तरों में प्रदर्शनों के बाद हुई। टेक दिग्गज ने पिछले सप्ताह भी ऐसे ही एक मामले में अपने 28 कर्मियों को नौकरी से निकाला था।

अब तक 50 बर्खास्त

एक रिपोर्ट के अनुसार विरोध-प्रदर्शन करने के लिए निकाले गए कर्मचारियों की कुल संख्या अब लगभग 50 हो गई है। गूगल के सुरक्षा प्रमुख क्रिस रैको ने प्रदर्शनों की निंदा करते हुए कहा, यह व्यवहार अस्वीकार्य और विघटनकारी है। इससे सहकर्मियों को खतरा महसूस हुआ।

यह बर्खास्तगी अमेरिकी संस्थाओं और इजरायल सरकार के बीच सहयोग के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच हुई है। फिलिस्तीनी समर्थक प्रदर्शनों ने परिसरों को हिलाकर रख दिया है, जबकि गूगल के धरने से एक दिन पहले कार्यकर्ताओं ने गाजा में युद्ध का विरोध करने के लिए ट्रांसपोटेशन हब को ही ब्लॉक कर दिया।

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एक्टिविस्ट ग्रुप नो टेक फॉर रंगभेद के प्रवक्ता जेन चुंग ने कहा, "निगम असहमति को कुचलने, अपने कर्मचारियों को चुप कराने और उन पर अपने पावर फिर से जताने का प्रयास कर रहा है।" उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बर्खास्त कर्मचारी दर्शक भी थे, जो इस आंदोलन में शामिल नहीं थे।

क्या हुआ था पिछले हफ्ते: प्रदर्शनकारियों ने गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन के दफ्तर पर 8 घंटे से अधिक समय तक कब्जा कर लिया था। इसके बाद नौ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में गूगल ने इसमें शामिल पाए गए 28 कर्मचारियों को निकाल दिया।

क्या है प्रोजेक्ट निंबस: प्रोजेक्ट निंबस इजरायली सरकार और उसकी सेना की एक क्लाउड कंप्यूटिंग परियोजना है। इजरायल ने इसके लिए गूगल के साथ 1.2 अरब डॉलर का समझौता किया है।

दफ्तर है, राजनीति का अड्डा नहीं

बता दें कि पिछली बार की गई कार्रवाई पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा था कि दफ्तरों में ऐसे प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी जा सकती है। सुंदर पिचाई ने कहा था कि वर्कप्लेस राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। गूगल इन्वोशन के लिए ओपन डिस्कशन को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा, "आखिरकार हम एक वर्कप्लेस हैं और हमारी नीतियां और अपेक्षाएं स्पष्ट हैं। यह एक बिजनेस है। इस तरह से कार्य करने की जगह नहीं है, जो सहकर्मियों को बाधित करता है या उन्हें असुरक्षित महसूस कराता है।"

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