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Gold Price Review: सोने से तेज रही चांदी की चाल, 1 महीने में 7102 रुपये हुई महंगी

  • Gold Price Review: एक महीने पहले 24 कैरेट सोने की कीमत 71511 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 82780 रुपये थी। इस सोने-चांदी के रेट पर कोई जीएसटी नहीं लगा है। आपके शहर में 1000 से 2000 रुपये का अंतर हो सकता है।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानWed, 2 Oct 2024 12:02 PM
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Gold Price Review: पिछले एक महीने में सोना 4000 रुपये से अधिक महंगा हो चुका है। करीब-करीब दोगुनी रही। चांदी एक महीने में 7102 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। आज आईबीजेए गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सोने-चांदी के रेट जारी नहीं करेगा। इजरायल-ईरान में बढ़ते टेंशन के बाद अब इन धातुओं में और तेजी की उम्मीद है।

मंगलवार को सोने के भाव उछलकर 75515 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए। चांदी 89882 रुपये बंद हुई। एक महीने पहले 24 कैरेट सोने की कीमत 71511 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 82780 रुपये थी। इस सोने-चांदी के रेट पर कोई जीएसटी नहीं लगा है। आपके शहर में 1000 से 2000 रुपये का अंतर हो सकता है।

छह महीने में लगभग 10.75% की रैली

अंतरराष्ट्रीय बाजार में, हाजिर सोने की कीमत सोमवार को 2,634 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई, जबकि MCX पर सोने की कीमत 74,924 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई। चूंकि सोमवार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अंतिम कारोबारी दिन था, MCX सोने की दर ने इस वित्तवर्ष के पहले छह महीने में लगभग 10.75% की रैली दर्ज की, क्योंकि यह 67,677 रुपये से बढ़कर 74,924 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। हाजिर सोने की कीमत 2,233 डॉलर से बढ़कर 2,634 डॉलर प्रति टऔंस हो गई, जिसने वित्त वर्ष 25 के पहले छह महीनों में लगभग 17.50% की वृद्धि दर्ज की।

क्यों उछल रही सोने-चांदी की कीमत

लाइव मिंट की खबर के मुताबिक एक सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोने के प्रति लगाव इस साल मजबूत हुई। इसकी वजह केंद्रीय बैंकों ने बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और ब्याज दरों में गिरावट के बीच वैश्विक स्तर पर खूब सोना रिजर्व किया। सोने को पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित संपत्ति माना जाता है, खासकर आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई और भू-राजनीतिक तनाव के समय में।

अबंस होल्डिंग्स के सीईओ चिंतन मेहता के मुताबिक, ब्याज दरों में गिरावट, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंक की खरीदारी से इस साल सोने को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा, 'अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने हाल ही में सितंबर की बैठक के दौरान ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की थी, जिससे सोने की मांग बढ़ी है। मध्य पूर्व में क्षेत्रीय संघर्ष एक अस्थिर अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में योगदान करते हैं। इसके अलावा, भू-राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है।

उन्होंने कहा, 'इस साल जनवरी से जुलाई के बीच वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंक सक्रियता से सोना जमा कर रहे हैं। भारत ने 42.6 मीट्रिक टन सोना खरीदा है, जबकि चीन ने भी अस्थायी रूप से अपनी खरीद को रोकने से पहले 28.9 मीट्रिक टन सोना खरीदा है।

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