गौतम अडानी पर एक और बड़ी मुसीबत, भारत में अफसरों को घूस देने का आरोप, फिर अमेरिका में क्यों हुआ केस? समझें
- Gautam Adani Crisis: हिंडनबर्ग रिसर्च रपोर्ट के बाद अब एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी संकट में आ गए हैं। इस बार गौतन अडानी पर अमेरिका में घूसखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगा है।
Gautam Adani Crisis: हिंडनबर्ग रिसर्च रपोर्ट के बाद अब एक बार फिर उद्योगपति गौतम अडानी संकट में आ गए हैं। इस बार गौतन अडानी पर अमेरिका में घूसखोरी और धोखाधड़ी का आरोप लगा है। अडानी पर अमेरिका में अपनी कंपनी को सोलर प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप है। इसको लेकर बुधवार को न्यूयॉर्क में आपराधिक मामला दायर किया गया था। न्यूयॉर्क के फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर अरबों की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। इस कॉन्ट्रैक्ट से कंपनी को आने वाले 20 सालों में दो अरब डॉलर से अधिक के मुनाफा होने की उम्मीद थी।
इन लोगों पर एक्शन
अमेरिका के अटॉर्नी ऑफिस ने धोखाधड़ी और रिश्वत मामले में गौतम अडानी के अलावा सात अन्य लोगों पर आरोप लगाए हैं। इन सात लोगों में सागर आर अदानी, विनीत एस जैन, रंजित गुप्ता, रूपेश अग्रवाल,दीपक मल्होत्रा, सौरभ अग्रवाल और सिरील कैबनीज शामिल हैं।
एक्शन अमेरिका में ही क्यों
बता दें कि अडानी समूह साल 2023 से ही अमेरिका में शक के घेरे में है। दरअसल, यह वही साल है जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी और अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेर फेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। अब मामला अमेरिका में इसलिए दर्ज किया गया क्योंकि इस सोलर प्रोजेक्ट में अमेरिकी निवेशकों का भी बड़ा दांव था। अमेरिका में रिश्वत के रूप में पैसे देना कानूनन अपराध है। यह अमेरिकी कानून के तहत धोखाधड़ी है और यदि साबित हो जाता है, तो आपराधिक देनदारी हो सकती है।
अमेरिका का मामला इस आधार पर टिका है कि अडानी ग्रीन ने ओडिशा, आंध्र प्रदेश और संभवतः तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर (J & K) में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, ताकि उनकी बिजली डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों (डिस्कॉम) को बाजार दरों से ऊपर सोलर एनर्जी खरीदने के लिए प्रतिबद्ध किया जा सके। कथित रिश्वत की समयरेखा 2021 के मध्य से 2021 के अंत तक है। बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक और कांग्रेस ने चार राज्यों पर शासन किया, जबकि जम्मू-कश्मीर प्रभावी रूप से केंद्रीय भाजपा शासन के अधीन था। बता दें कि अडानी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी माने जाते हैं। भारत की विपक्षी पार्टियां लंबे समय से आरोप लगाती रही हैं कि राजनीतिक संबंध के कारण अडानी को फायदा मिलता रहा है। हालांकि अडानी इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
क्या है डिटेल
अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी और उनके भतीजे, सागर, अडानी ग्रीन के कार्यकारी निदेशक के खिलाफ बड़े पैमाने पर रिश्वत देने की शिकायत दर्ज की है। इसमें कथित तौर पर भारत सरकार के अधिकारियों को बाजार से ऊपर की दरों पर सोलर एनर्जी खरीदने की अपनी प्रतिबद्धता को सुरक्षित करने के लिए रिश्वत में करोड़ों डॉलर के बराबर का भुगतान करना या भुगतान करने का वादा करना शामिल था। जबकि इसी अवधि में अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे। जो कि झूठे और भ्रामक बयानों पर आधारित थे।
एसईसी की शिकायत में कहा गया है कि कंपनी की सौर महत्वाकांक्षाएं सरकारी निकाय सोलर एनर्जी कंपनी ऑफ इंडिया (एसईसीआई) द्वारा लागू कार्यक्रमों और आर्थिक प्रोत्साहनों पर काफी टिकी हुई हैं। एसईसी की शिकायत के अनुसार, अडानी ग्रीन और एज्यूर पावर को एसईसीआई की मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना से लाभ हुआ, जिसने एक निश्चित कीमत पर एक निश्चित मात्रा की बिजली खरीदने की आधिकारिक प्रतिबद्धता के बदले में सौर ऊर्जा घटक भागों का उत्पादन करने के लिए एक फर्म को प्रोत्साहित किया।
अडानी ने दो-तिहाई और एज़्योर ने एक-तिहाई परियोजनाएं जीतीं। लेकिन जून 2020 में कॉन्टैक्ट्स के पुरस्कार में बिजली खरीद की एसईसीआई गारंटी शामिल नहीं थी। शिकायत के अनुसार, यह दो चरणों पर टिका है- पहला- एसईसीआई का राज्य डिस्कॉम के साथ इसी तरह की व्यवस्था करना, जिसके तहत डिस्कॉम उन दरों पर बिजली खरीदने के लिए प्रतिबद्ध होंगे और फिर एसईसीआई कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा।
आरोप का मूल यह है कि डिस्कॉम ने एसईसीआई के साथ समझौते करने से इनकार कर दिया क्योंकि एसईसीआई ने कंपनियों के लिए जो कीमत दी थी, वह बाजार दरों से अधिक थी - अमेरिकी नियामक का आरोप है कि अडानी ने एसईसीआई के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए राज्य के अधिकारियों को रिश्वत दी थी। यूएस केस इस आधार पर आधारित है कि यह वह जगह है जहां भ्रष्टाचार हुआ था, और यह वह था जो अदानी ग्रीन ने अमेरिका में निवेशकों को नहीं बताया था।
अडानी ग्रुप के सभी शेयर क्रैश
इस खबर के बाद आज गुरुवार को अडानी समूह के शेयरों में शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट आई। अडानी समूह के शेयरों में आज 25% तक की गिरावट दर्ज की गई है। अधिकतर शेयर लोअर सर्किट में फंसे हैं।
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