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1 जनवरी से लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर इंपोर्ट करने के लिए नए सिरे से लेनी होगी मंजूरी

  • कंपनियों के पास लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर को इंपोर्ट करने के लिए उन्हें 1 जनवरी से नए सिरे से मंजूरी लेनी होगी।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानWed, 25 Sep 2024 07:28 AM
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कंपनियों के पास लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर को इंपोर्ट करने के लिए साल के अंत तक का समय होगा, लेकिन उन्हें 1 जनवरी से नए सिरे से मंजूरी लेनी होगी। 30 सितंबर तक जारी किए गए मौजूदा परमिट साल के अंत तक वैध रहेंगे। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने आगे बताया कि मंजूरी के लिए विस्तृत गाइडलाइन जल्द ही जारी किए जाएंगे।

सरकार का यह फैसला तब आया है, जब भारत ने पिछले साल लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात के लिए नई प्रणाली की घोषणा की थी, जब उसने भारत में G20 बैठक के दौरान उद्योग की आलोचना और यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव (USTR) के बाद लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू करने की अपनी योजना को वापस ले लिया था।

मंगलवार को जारी एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन में कहा गया, "इंपोर्टर्स को 1 जनवरी, 2025 से नए प्राधिकरणों के लिए आवेदन करना होगा, जो जल्द ही प्रदान किए जाने वाले विस्तृत मार्गदर्शन के अधीन होंगे।"

द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि मौजूदा दिसंबर की समयसीमा के बाद कम से कम एक और तिमाही तक सिस्टम का और विस्तार किया जा सकता है। सरकार फिलहाल वेट एंड वॉच मोड में है, क्योंकि कंपनियां आईटी हार्डवेयर के लिए संशोधित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत उत्पादन शुरू करने जा रही हैं। और इस क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण के महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंचने के बाद बैन लगा सकती हैं।

आयात के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था शुरू करने का उद्देश्य

पिछले साल लैपटॉप और पर्सनल कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था शुरू करने का मूल कदम चीन से आयात को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया था, जो भारत में इन डिवाइसेज की सप्लाई में सबसे बड़ा हिस्सा रखता है। हालांकि, द इंडियन एक्सप्रेस ने पहले बताया था कि उद्योग से भारी विरोध के बीच पिछले अक्टूबर में सरकार द्वारा नीति को अस्थायी रूप से वापस लेने के बाद से कुल लैपटॉप आयात में चीन की हिस्सेदारी बढ़ गई है। 

पीसी और लैपटॉप बाजार के 81 प्रतिशत हिस्से पर चीन का कब्जा

भारत के पास अपनी खुद की लैपटॉप मैन्यूफैक्चरिंग क्षमताओं का एक मजबूत स्थिति में  है। चीन वैश्विक पीसी और लैपटॉप बाजार के 81 प्रतिशत हिस्से को नियंत्रित करता है, और वहां किसी भी व्यवधान का वैश्विक प्रभाव हो सकता है। विश्व व्यापार संगठन में 1997 में सूचना प्रौद्योगिकी समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धता के अनुसार, भारत लैपटॉप, पीसी और इसी तरह के आईटी उत्पादों पर शुल्क नहीं बढ़ा सकता है, जो वर्तमान में देश में जीरो ड्यूटी पर आते हैं।

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