रिफंड क्लेम नहीं कर रहे सहारा के निवेशक, अब एक्शन मोड में सरकार, हो रही जांच
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि ‘सीरियस फंड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस’ (एसएफआईओ) सहारा समूह की कंपनियों से संबंधित मामले की विस्तृत जांच कर रहा है और इसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि ‘सीरियस फंड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस’ (एसएफआईओ) सहारा समूह की कंपनियों से संबंधित मामले की विस्तृत जांच कर रहा है और इसकी रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए सीतारमण ने यह भी कहा कि सहारा समूह के पूरे मामलों की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है और सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि केवल छोटे निवेशक ही रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए हैं। एसएफआईओ पूरे मामले की जांच कर रहा है। यह भी देख रहा है कि सभी निवेशक रिफंड का दावा करने के लिए आगे क्यों नहीं आए और वे कहां हैं।’’
सहारा समूह की कंपनियों में 3.7 करोड़ निवेशक
मंत्री ने कहा कि एसएफआईओ के विस्तृत विश्लेषण के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जायेगी और कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि सहारा समूह की कंपनियों में 3.7 करोड़ निवेशक हैं और अब तक 19,650 लोग रिफंड का दावा करने के लिए आगे आए हैं। उनके मुताबिक, इन दावों में से 17,250 दावों का निपटारा कर दिया गया जबकि बाकी आवेदकों को और कागजात उपलब्ध कराने के लिए कहा गया ताकि उनके दावों का निपटारा किया जा सके।
सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार चाहकर भी सहारा समूह की कंपनियों के मामले में कुछ नहीं कर सकती क्योंकि हर चीज की निगरानी उच्चतम न्यायालय द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय को लगातार रिपोर्ट कर रहे हैं।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2023 में वित्त मंत्रालय द्वारा संसद को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सहारा समूह की तीन कंपनियों के मामलों की जांच 31 अक्टूबर, 2018 को एसएफआईओ को सौंपी गई थी।
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