इंडसइंड बैंक में भूचाल, फिर भी शेयर में उछाल, टॉप-3 अधिकारियों की हो सकती है छुट्टी
- इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद बैंक के टॉप लेवल पर बड़े बदलाव हो सकते हैं। बैंक के लिए दूसरा झटका यह है कि इसके शेयर होल्डिंग में प्रमोटर्स का हिस्सा घटा है और 2 म्यूचुअल फंड्स निकल गए हैं।

IndusInd Bank Latest Updates: इंडसइंड बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद बैंक के टॉप लेवल पर बड़े बदलाव हो सकते हैं। खबर है कि सीईओ सुमंत कथपलिया और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना समेत कम से कम तीन बड़े अधिकारी इस्तीफा दे सकते हैं। अरुण खुराना ग्लोबल मार्केट्स (जिसमें डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो भी शामिल है) की देखरेख करते हैं। बैंक के लिए दूसरा झटका यह है कि इसके शेयर होल्डिंग में प्रमोटर्स का हिस्सा घटा है और 2 म्यूचुअल फंड्स निकल गए हैं। राहत की बात ये है कि रिटेल निवेशकों ने जमकर खरीदारी की है। इन खबरों के बीच आज इंडसइंड बैंक सेंसेक्स टॉप गेनर है। 11 बजे के करीब इसके शेयर 4.65 पर्सेंट तक उछल चुके थे।
CNBC-TV18 के मुताबिक बैंक का बोर्ड पहले ही नए CEO की तलाश में जुट गया है। दरअसल, RBI ने कथपलिया का कार्यकाल सिर्फ 1 साल (मार्च 2026 तक) बढ़ाया है, और बोर्ड को हुक्म दिया है कि वो नए CEO के लिए कैंडिडेट्स की लिस्ट कथपलिया के टर्म खत्म होने से 4-6 महीने पहले पेश करे। इंडसइंड बैंक के प्रवक्ता ने कहा, "बैंक को ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है और हम मैनेजमेंट से जुड़ी अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करते।"
एक रिपोर्ट ने किया था बड़ा खुलासा
बाहरी ऑडिट करने वाली कंपनी PwC के मुताबिक, डेरिवेटिव्स में गड़बड़ी से बैंक को 1,979 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ये आंकड़ा बाजार के अनुमानों और बैंक के इंटरनल आकलन से करीब-करीब मेल खाता है। बैंक ने पहली बार 10 मार्च को इसका जिक्र किया था। इसके बाद शेयर एक दिन में ही 27% लुढ़क गया ( इतिहास की सबसे बड़ा गिरावट)। गड़बड़ी अक्टूबर 2024 में पकड़ में आई थी, जब दो डील्स का अकाउंटिंग में गलत हिसाब निकला। बाद में पता चला कि ऐसी कई डील्स थीं, जिन्हें पिछले 5-7 सालों से गलत तरीके से दिखाया जा रहा था।
नुकसान का असर
बैंक के दिसंबर 2024 के नेट वर्थ (2.27%) के हिसाब से ये घाटा 1,979 करोड़ रुपये बैठता है। बैंक ने कहा है कि इसका असर FY 2024-25 के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में दिखेगा और वो अपने इंटरनल कंट्रोल्स को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घटी
जनवरी-मार्च तिमाही में इंडसइंड बैंक के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी थोड़ी कम हुई है, लेकिन रिटेल निवेशकों ने शेयरों में जोरदार दिलचस्पी दिखाई। ये तब हुआ जब बैंक का शेयर 35% गिरकर लुढ़क गया था। BSE पर जारी नए शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक प्रमोटर्स की हिस्सेदारी दिसंबर 16.29% से घटकर मार्च में 15.83% रह गई है।
म्यूचुअल फंड्स का पलायन
कोटक म्यूचुअल फंड और क्वांट म्यूचुअल फंड ने पूरी तरह से बैंक से निकलने का फैसला किया। दिसंबर में कोटक का 1.26% हिस्सा था, जो अब गायब है। हालांकि, छोटे निवेशकों (₹2 लाख तक के शेयरधारक) की संख्या 6.17 लाख से बढ़कर 7.47 लाख हो गई। हिस्सेदारी 7.9% से 9.17% पर पहुंच गई है।
कौन बढ़ा, कौन घटा
LIC की शेयर होल्डिंग: 5.23% से घटकर 5.08% हुई।
FPIs (विदेशी संस्थागत निवेशक): इनकी हिस्सेदारी 24.74% से बढ़कर 29.53% हो गई, लेकिन सिंगापुर सरकार (1.29% हिस्सेदारी) की एंट्री अब लिस्ट में नहीं है।
मिराए एसेट लार्जकैप फंड: नए सिरे से लिस्ट में शामिल हुआ, जिसका 1.52% हिस्सा है।